शास्त्रों और वेदों में भगवान हनुमान को कलयुग का देवता बताया गया है.
हनुमान जी को भगवान राम से अमर होने का वरदान मिला था और कलयुग में भी वह धरती पर उपस्थित हैं.
यही वजह है कि वर्तमान समय में हनुमान जी के स्मरण मात्र से दुख-दर्द, कष्ट और भूत-पिशाच दूर हो जाते हैं.
अमरता का वरदान पाने के बाद हनुमान जी ऐसी जगह रहने चले गए, जो पवित्र और ईश्वरीय कृपा प्राप्त हो.
श्रीमद् भगावत् पुराण में बताया गया है कि ऐसा पवित्र स्थान गंधमादन पर्वत है.
इसी पर्वत पर कलयुग में हनुमान जी निवास करते हैं.
शास्त्रों में बताया गया है कि गंधमादन पर्वत कैलास पर्वत के उत्तर में स्थित है.
इस पर्वत पर महर्षि कश्यप ने तपस्या की थी और यहां गंधर्व, किन्नरों, अप्सराओं और सिद्ध ऋषियों का निवास भी है.
हालांकि, इस पर्वत के शिखर पर किसी वाहन से पहुंचना असंभव माना जाता है.