सावन का महीना शुरू हो गया है. इस पावन महीने भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं.

भगवान श्रीहरि विष्णु की जगह इस अवधि में संसार की बागडोर भोलेनाथ संभालते हैं.

यही वजह है कि सावन में शिव पूजा का महत्व अधिक होता है.

पौराणिक मान्यता के अनुसार, सावन में शिवजी कैलाश को छोड़कर पृथ्वी पर आते हैं.

वह इस महीने परिवार के साथ भारत में अपने ससुराल में निवास करते हैं.

कनखल के दक्ष मंदिर में ही माता सती और महादेव का विवाह हुआ था.

शिवजी कनखल में पूरे सावन दक्षेश्वर रूप में विराजमान रहकर भक्तों का कल्याण करते हैं.

राजा दक्ष प्रजापति ने भोलेनाथ से वचन लिया था कि वह हर साल सावन में कनखल निवास करेंगे, ताकि उनकी सेवा कर सकें.

ऐसा माना जाता है कि सावन में भगवान शिव धरती पर आते हैं और यहीं से सृष्टि का संचालन करते हैं.

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