पांडवों के पुत्रों को मारने वाला महाभारत का ये पात्र आज भी है जिंदा! श्री कृष्ण के श्राप का असर

महाभारत का रहस्यमय चरित्र

अश्वत्थामा, महाभारत का एक रहस्यमय चरित्र है, जिसे कहा जाता है कि यह आज भी जिंदा है और इसी दुनिया में भटक रहा है.

क्लियर कर लें ये बात

यहां आप एक बात क्लियर कर लें कि अश्वत्थामा, किसी वरदान के कारण अभी तक जिंदा नहीं है, बल्कि उसे श्राप मिला है.

कौन है अश्वत्थामा?

अश्वत्थामा, पांडवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य व उनकी पत्नी कृपि के पुत्र हैं. भगवान शिव ने दोनों की तपस्या से खुश होकर पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया था.

साहसी योद्धा बने

पिता द्रोणाचार्य की तरह अश्वत्थामा भी साहसी योद्धा बने. महाभारत युद्ध में पिता द्रोणाचार्य के साथ अश्वत्थामा भी पांडवों के खिलाफ कौरवों की तरफ से लड़ रहे थे.

एक समय ऐसा आया...

एक समय ऐसा आया, जब घटोत्कच के नेतृत्व में राक्षसों ने हमला किया तो सभी कौरव भाग गए, लेकिन अश्वत्थामा खड़ा रहा और घटोत्कच को घायल कर, उसके पुत्र अंजनपर्वा को मार दिया.

एक अफवाह से काम खराब

गुरु द्रोणाचार्य की योजना पांडवों पर भारी पड़ रही थी तो पांडवों ने उन्हें मारने की योजना बनाई. इसी में उन्होंने गुरु के मारे जाने की अफवाह उड़ाई.

द्रोणाचार्य शोक में डूबे

अपनी खबर सुन गुरु हैरान और शोक में थे, इसी में पांडवों ने मौका देखकर द्रोणाचार्य का सिर धड़ से अलग कर दिया. अब अश्वत्थामा में बदला लेना का खून दौड़ने लगा.

गुस्से में मार दिए बच्चे

अश्वत्थामा ने फिर गुस्से में पांडवों के 5 पुत्रों को मार दिया. तब अर्जुन ने उसे जो नुकसान पहुंचाया सो पहुंचाया, लेकिन भगवान श्री कृष्ण ने उसे हजारों साल जिंदा रहकर भटकते रहने का श्राप दे दिया.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)