कब रुकेगा सीरिया में तबाही?, घोउटा में हुए हवाई हमले में 15 बच्चों की मौत
Advertisement

कब रुकेगा सीरिया में तबाही?, घोउटा में हुए हवाई हमले में 15 बच्चों की मौत

स्कूल के बेसमेंट का इस्तेमाल हवाई हमले से बचने के लिए करते थे लोग. उसी पर हुआ हमला, जिसमें 15 बच्चों और 2 महिलाओं की मौत.

बीते सप्ताह ही दमिश्क के पास विद्रोहियों के कब्जे वाले शहर पर सेना और रूसी हवाई हमले में कम से कम 46 लोगों की मौत हो गई थी. (फाइल फोटो)

बेरूत: सीरिया के पूर्वी घोउटा स्थित एक स्कूल में हुए हवाई हमले में 15 बच्चों और 2 महिलाओं की मौत हो गई. सभी लोग बम से बचने के लिए स्कूल के बेसमेंट में छिपे हुए थे. 'सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स' ने बताया कि घोउटा में विद्रोहियों के कब्जे वाले प्रमुख क्षेत्र अरबीन में हवाई हमला हुआ, जहां सरकारी बल पिछले एक महीने से लगातार हमले कर रहा है. ब्रिटेन स्थित निगरानी संस्था के प्रमुख रमी अब्देल रहमान ने कहा, 'एक हवाई हमले के दौरान तीन मिसाइलें स्कूल पर गिरीं, जिसके बेसमेंट का इस्तेमाल बम से बचने के लिए किया जाता था.' उन्होंने कहा कि बचाव कर्मी अब भी जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं.

  1. स्कूल के बेसमेंट में हमले से बचने के लिए थे लोग
  2. पिछले 7 सालों से सीरिया में गृह युद्ध जारी
  3. अरबीन इलाके में तेज हुआ सरकारी हमला

रूसी हमले में 46 लोगों की मौत हो गई थी
बीते सप्ताह ही दमिश्क के पास विद्रोहियों के कब्जे वाले शहर पर सेना और रूसी हवाई हमले में कम से कम 46 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि, उत्तरी सीरिया में कुर्द के कब्जा वाले शहर पर हमले में कम से कम 22 लोग मारे गए थे. कुल मिलाकर हवाई हमले में कम से कम 68 नागरिकों की मौत हुई थी. सीरिया में 7 सालों से गृह युद्ध छिड़ा हुआ है. जंग पर नजर रखने वाले संगठन 'सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स' ने कहा है कि दमिश्क के पास विद्रोहियों के कब्जा वाले पूर्वी घौटा में सीरियाई और रूसी विमानों ने कफ्र बाटना में बमबारी की.

मिलिशिया ने सैन्य अभियान तेज किया
सीरियाई सुरक्षा बलों ने पूर्वी घौटा में अपना अभियान तेज करते हुए विद्रोहियों के गढ़ वाले सबसे बड़े शहर का संपर्क काट दिया है. पिछले एक महीने के दौरान 1000 से ज्यादा नागरिक मारे जा चुके हैं. सरकारी सैनिकों और सहयोगी मिलिशिया ने 18 फरवरी को पूर्वी घौटा के लिए अपना सैन्य अभियान शुरू किया और आधे से ज्यादा हिस्से में बढ़त बना ली थी. हिंसा रोकने का वैश्विक आह्वान भी बेअसर रहा. ‘बांटो और आक्रमण करो’ की रणनीति के तहत हमला करते हुए विद्रोहियों के क्षेत्रों पर कब्जा किया गया.

ये भी देखे

Trending news