पेशावर स्कूल पर आतंकी हमले में 16 तालिबानी कमांडरों पर एफआईआर
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पेशावर स्कूल पर आतंकी हमले में 16 तालिबानी कमांडरों पर एफआईआर

तालिबान प्रमुख मुल्ला फजलुल्ला, उसके उपप्रमुख खालिद हक्कानी और आतंकवादी समूह के 14 शीर्ष कमांडरों के नाम पेशावर स्कूल नरसंहार को लेकर दर्ज प्राथमिकी में शामिल है। जांचकर्ताओं ने आज घटनास्थल का दौरा किया, साक्ष्य जुटाए और हमले में बचे लोगों के बयान दर्ज किए।

पेशावर स्कूल पर आतंकी हमले में 16 तालिबानी कमांडरों पर एफआईआर

पेशावर : तालिबान प्रमुख मुल्ला फजलुल्ला, उसके उपप्रमुख खालिद हक्कानी और आतंकवादी समूह के 14 शीर्ष कमांडरों के नाम पेशावर स्कूल नरसंहार को लेकर दर्ज प्राथमिकी में शामिल है। जांचकर्ताओं ने आज घटनास्थल का दौरा किया, साक्ष्य जुटाए और हमले में बचे लोगों के बयान दर्ज किए।

तहरीक-ए-तालिबान के अन्य शीर्ष कमांडर जिन पर प्राथमिकी दर्ज है उनके नाम हैं हाफिज गुल बहादुर, सैफुल्ला, मंगल बाघ, हाफिज दौलत, सरवर शाह, मौलवी फकीर, अब्दुल वाली, कारी शकील, असलम फारूकी औरंगजेब और जान वली। माचनी गेट थाने के थाना प्रभारी शेर अली खान की तरफ से इसी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

आतंकवाद निरोधक विभाग की तरफ से प्राप्त दस्तावेजों के मुताबिक सात कथित आत्मघाती बम हमलावरों अबुजार, उमर, इमरान, यूसुफ, उजैर, कारी और चमने उर्फ चमटू के नाम भी प्राथमिकी में दर्ज हैं। दस्तावेज के मुताबिक आत्मघाती बम हमलावरों को बारा के शीन ड्रांग मार्कज में प्रशिक्षण दिया गया जिसके बाद उन्हें पेशावर भेज दिया गया।

इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान की सीमा के नजदीक दिसम्बर के पहले हफ्ते में हुए विभिन्न चरमपंथी संगठनों की बैठक में हमले की योजना बनाई गई। आत्मघाती बम हमलावरों द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहन की भी पहचान हो गई है और उस वाहन के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। वाहन को इस्लामाबाद से चुराया गया था और सिविल लाइन थाने में अपराध की यह घटना पंजीकृत है।

इस बीच पुलिस की फोरेंसिक टीम ने पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल से साक्ष्य एकत्रित किए जहां मंगलवार को तालिबान के बर्बर हमले में 148 लोग मारे गए जिसमें अधिकतर बच्चे हैं। जांच दल ने हमले में बचे लोगों से भी मुलाकात की और उनके बयान दर्ज किए। समझा जाता है कि पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके में स्थित अफगानिस्तान शिविर में जांच के दौरान स्कूल पर हमले के समर्थकों को भी गिरफ्तार किया है। टीटीपी ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह सेना के जर्ब ए अज्ब अभियान का बदला है जो गर्मी से ही कबायली इलाकों में जारी हैं।

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