काबुल हमले के लिए पाकिस्तान पर बरसे अफगान राष्ट्रपति, तालिबान को पनाह देने का आरोप लगाया
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काबुल हमले के लिए पाकिस्तान पर बरसे अफगान राष्ट्रपति, तालिबान को पनाह देने का आरोप लगाया

गनी ने अनुरोध किया कि तालिबान के जो लोग सरकार के साथ शांति वार्ता करना चाहते हैं, उन्हें जंग का रास्ता अख्तियार करने वालों से अलग हो जाना चाहिए. 

काबुल में अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस और उनके प्रतिनिधिमंडल से बात करते अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी. (Reuters/2 Feb, 2018)

काबुल: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए उसे भीषण कातिलाना हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया और तालिबान को शरण देने का आरोप लगाया. टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि ‘‘तालिबान के आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान में है.’’ उन्होंने पड़ोसी देश की सरकार से आतंकवादियों को अपने क्षेत्र से खत्म करने के लिए कुछ ठोस कार्रवाई दिखाने को कहा. गनी ने अनुरोध किया कि तालिबान के जो लोग सरकार के साथ शांति वार्ता करना चाहते हैं, उन्हें जंग का रास्ता अख्तियार करने वालों से अलग हो जाना चाहिए.

  1. काबुल आतंकी हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
  2. यह इस युद्धग्रस्त देश में हाल के वर्षों में हुआ सबसे बड़ा हमला था.
  3. तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.

बुधवार (31 जनवरी) को अफगान अधिकारियों ने पाकिस्तान का दौरा किया और पाकिस्तान में ‘‘आतंकी प्रशिक्षण केंद्रों से होने वाले तालिबान हमलों के सबूत’’ सौंपे. अफगानिस्तान के खुफिया प्रमुख मासूम स्तानिकजई और गृह मंत्री वईस अहमद बरमाक ने गिरफ्तार आतंकवादियों से प्राप्त दस्तावेज और कबूलनामा सौंपे जिनके बारे में उनका दावा है कि उन्हें पाकिस्तान में प्रशिक्षण मिला है. अफगानिस्तान के दस्तावेजों की समीक्षा के बाद इस्लामाबाद के जवाब के साथ पाकिस्तानी विदेश सचिव तहमीना जंजुआ वरिष्ठ सैन्य और सुरक्षा अधिकारियों के साथ शनिवार (3 फरवरी) को काबुल का दौरा करेंगी. काबुल और इस्लामाबाद आतंकियों को पनाह देने के लिए अक्सर एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं. 

अफगान खुफिया प्रमुख ने काबुल हमले का सबूत पाकिस्तान को सौंपा, हमलावरों को ISI ने दी थी ट्रेनिंग

इससे पहले अफगानिस्तान के गृह मंत्री और खुफिया प्रमुख समेत एक उच्च स्तरीय अफगान प्रतिनिधिमंडल काबुल में हाल में हुए घातक हमले से जुड़े साक्ष्य तथा राष्ट्रपति अशरफ गनी का संदेश देने बीते बुधवार (31 जनवरी) को पाकिस्तान पहुंचे थे. डॉन की खबर के मुताबिक, विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने कहा था कि गृह मंत्री वाइस अहमद बरमक और नेशनल डायरेक्टर ऑफ सिक्योरिटी के प्रमुख मासूम स्टेनक्जाइ के नेतृत्व वाले अफगान दल ने राष्ट्रपति अशरफ गनी के संदेश के साथ इस्लामाबाद का दौरा किया और उन्होंने सहयोग पर चर्चा की.

अफगानिस्तान की तोलो न्यूज ने हालांकि अफगान राष्ट्रपति भवन के सूत्रों के हवाले से खबर दी कि प्रतिनिधिमंडल को काबुल में हाल में हुये आतंकी हमले से जुड़े साक्ष्य पाकिस्तान को सौंपे. सूत्रों ने दावा किया कि यह साक्ष्य पाकिस्तानी सेना के साथ साझा किए गए. इसमें कहा गया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने गनी को बीती रात अपनी तरफ से शोक जताने के लिये फोन किया था, लेकिन गनी ने उनसे बात करने से इनकार कर दिया था.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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