तालिबान के एक बयान के मुताबिक उसका ‘आपरेशन अल खंदक’ अमेरिकी बलों को, उनके ‘‘खुफिया एजेंटों’’ और साथ ही साथ उनके ‘‘अंदरूनी हिमायतियों’’ को निशाना बनाएगा.
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काबुल: तालिबान ने हर साल की तरह ही इस साल भी वसंत के मौसम में फिर से अपने हमलों को तेज कर दिया है. तालिबान के बुधवार(25 अप्रैल) से शुरू हुए इन हमलों से लगता है कि उसने अफगानिस्तान सरकार की शांति वार्ता की पेशकश को ठुकरा दिया है. तालिबान के एक बयान के मुताबिक उसका ‘आपरेशन अल खंदक’ अमेरिकी बलों को, उनके ‘‘खुफिया एजेंटों’’ और साथ ही साथ उनके ‘‘अंदरूनी हिमायतियों’’ को निशाना बनाएगा. आम तौर पर जाड़े में हमलों का सिलसिला बंद हो जाता है और वसंत में शुरू हो जाता है. बहरहाल, इस साल तालिबान ने अफगान और अमेरिकी बलों पर अपना हमला जारी रखा था.
तालिबान ने कहा कि आपरेशन अल खंदक में ‘‘अमेरिकी आक्रांताओं और उनके समर्थकों को कुचलने, मारने और पकड़ने’’ पर जोर होगा. तालिबान ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी अड्डों की मौजूदगी ‘‘शांति के सभी मौके को खत्म’’ करती है और ‘‘जारी जंग लंबी’’ करती है.
पश्चिमी और अफगानिस्तान विशेषज्ञों का कहना है कि तालिबान की घोषण परोक्ष रूप से वार्ता की पेशकश को ठुकराए जाने का संकेत है. अफगानिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक और काबुल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अहमद सईदी ने कहा कि इस साल वे अफगानिस्तान सरकार को और कमजोर करने की कोशिश करेंगे. वे चुनाव प्रक्रिया को भी पटरी से उतारने का प्रयास करेंगे. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रादमनीश ने तालिबान के ऐलान को केवल ‘दुष्प्रचार’’ करार दिया.
पुलिस चौकी पर तालिबान ने छह की हत्या की
इससे पहले 21 अप्रैल की अफगानिस्तान के सरी पुल प्रांत में एक पुलिस चौकी पर तालिबान लड़ाकों के हमले में छह स्थानीय पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. एक अफगान अधिकारी ने यह जानकारी दी. प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता जबी अमानी ने कहा कि बीती देर रात हुये हमले में दो अन्य पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं.
अमानी ने कहा कि इलाके में अतिरिक्त बलों को भेजा गया है और सयाद जिले में कुछ - कुछ जगहों पर अब भी गोलीबारी जारी है. उन्होंने कहा कि तीन तालिबानी लड़ाके इस दौरान मारे गए हैं जबकि दो अन्य घायल भी हुए हैं. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने हमले की जिम्मेदारी ली है.
इनपुट भाषा से भी