चीन को इंडो-पैसिफिक में ऐसे टक्कर देंगे अमेरिका, भारत और जापान
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चीन को इंडो-पैसिफिक में ऐसे टक्कर देंगे अमेरिका, भारत और जापान

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की एक शीर्ष राजनयिक का कहना है कि अमेरिका, भारत और जापान हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में उच्च स्तर की ऐसी परियोजनाओं पर काम करना चाहते हैं जो आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हों. 

अमेरिका ने कहा- हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में भारत रक्षा का बहुत बड़ा साझेदार

वॉशिंगटन: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की एक शीर्ष राजनयिक का कहना है कि अमेरिका, भारत और जापान हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में उच्च स्तर की ऐसी परियोजनाओं पर काम करना चाहते हैं जो आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हों. दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों की प्रधान उप सहायक मंत्री एलिस वेल्स का कहना है कि यह चीन के दूसरों को डरा कर लाभ कमाने वाले व्यवहार से अलग है. चीन का यह व्यवहार क्षेत्र के देशों के लिए बोझ बन रहा है.

  1. हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका लाना चाहता है नया प्रोजेक्ट
  2. भारत-जापान के साथ मिलकर यूएस देगा चीन को टक्कर
  3. हिन्द-प्रशांत में आर्थिक लाभ की परियोजनाएं लाने का प्लान

आर्थिक लाभ...जिससे सभी को होगा फायदा
एलिस ने मीडिया से कहा, ‘‘हम साझेदार देशों के साथ मिलकर उच्च स्तर की ऐसी परियोजनाओं पर काम करना चाहते हैं जिनसे आर्थिक लाभ हो, जिनसे देशों को सचमुच फायदा पहुंचे, जो निजी निवेश को आकर्षित कर सके ताकि देश आगे बढ़े, नाकि उन्हें कर्ज के बोझ तले दबा दे.’’

भारत बहुत बड़ा रक्षा साझेदार
उनका कहना है कि भारत और अमेरिका द्विपक्षीय रूप में बेहद सही काम कर रहे हैं और जापान तथा ऑस्ट्रेलिया जैसे समान सोच रखने वाले साझेदारों के साथ मिलकर हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में बेहतर कर सकते हैं.

एलिस ने कहा, ‘‘हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में भारत हमारा महत्वपूर्ण सुरक्षा साझेदार और बहुत बड़ा रक्षा साझेदार है... भारत के लिए यह अनोखा दर्जा है.’’

पूर्णकालिक सहायक विदेश मंत्री की अनुपस्थिति में एलिस 26 जून, 2017 से ही विदेश मंत्रालय में दक्षिण और मध्य एशिया ब्यूरो का कामकाज संभाल रही हैं. हाल में एलिस नई दिल्ली आई थीं जहां उन्होंने अमेरिका- भारत- जापान की त्रिपक्षीय वार्ता में भाग लिया था.

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