संयुक्त राष्ट्र प्रमुख पद के तीसरे चुनाव में पुर्तगाल के एंटोनियो गुटेरेस शीर्ष पर
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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख पद के तीसरे चुनाव में पुर्तगाल के एंटोनियो गुटेरेस शीर्ष पर

पुर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री एंटोनियो गुटेरेस संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून के बाद इस पद को संभालने के दावेदारों की दौड़ में सबसे आगे हो गए हैं। उन्होंने यहां आयोजित तीसरे मतदान में भी अपनी बढ़त बरकरार रखी है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष पद पर किसी महिला के चुने जाने की उम्मीदें कमजोर पड़ रही हैं।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख पद के तीसरे चुनाव में पुर्तगाल के एंटोनियो गुटेरेस शीर्ष पर

संयुक्त राष्ट्र : पुर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री एंटोनियो गुटेरेस संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून के बाद इस पद को संभालने के दावेदारों की दौड़ में सबसे आगे हो गए हैं। उन्होंने यहां आयोजित तीसरे मतदान में भी अपनी बढ़त बरकरार रखी है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष पद पर किसी महिला के चुने जाने की उम्मीदें कमजोर पड़ रही हैं।

सोमवार को 15 देशों की सदस्यता वाली सुरक्षा परिषद में तीसरे चरण का अनौपचारिक मतदान हुआ। इसमें गुटेरेस के पक्ष में 11 और विरोध में तीन मत पड़े। वहीं एक मत में कोई राय जाहिर नहीं की गई। ये अनौपचारिक मतदान तब तक जारी रहते हैं, जब तक कि कोई बहुमत के समर्थन वाला उम्मीदवार सामने नहीं आ जाता। इस उम्मीदवार के खिलाफ परिषद के किसी स्थायी सदस्य का वीटो नहीं होना चाहिए। इसके बाद उस उम्मीदवार का नाम आधिकारिक तौर पर महासभा को भेजा जाता है। उसके सदस्य तब ऐतिहासिक तौर से उम्मीदवार को चुनते हैं।

गुटेरेस 10 साल तक संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त रहे हैं। वह पिछले दो चरणों के अनौपचारिक मतदान में भी सबसे आगे रहे। इस मतदान के जरिए सबसे बड़ा बदलाव यह रहा, कि स्लोवाकिया के विदेश मंत्री मीरोस्लैव लाजकैक खुद को मिले नौ मतों के साथ 10वें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गए। मीरोस्लैव के खिलाफ पांच मत पड़े जबकि एक मत में कोई राय जाहिर नहीं की गई।

संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की ओर से विश्व के शीर्ष राजनयिक के चयन की प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी बनाने की मांग लगातार तेज हो रही है। इसी के साथ ही, इस पद पर किसी महिला को नियुक्त किए जाने की मांग भी बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र के 70 साल के इतिहास में इसके महासचिव पद पर पुरूषों का ही कब्जा रहा है। हालांकि इस पद पर किसी महिला के चुने जाने की संभावनाएं धूमिल हो रही हैं क्योंकि इस दौड़ में आगे चल रहे उम्मीदवारों में फिलहाल कोई भी महिला नहीं है।

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