कार्टर के रक्षा मंत्री बनने से इंडो-यूएस संबंध और बेहतर होंगे
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कार्टर के रक्षा मंत्री बनने से इंडो-यूएस संबंध और बेहतर होंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अगले रक्षा मंत्री के तौर पर एस्टन कार्टर को नामित कर रहे हैं जो भारत के लिए एक अच्छी खबर है क्योंकि कार्टर के पेंटागन प्रमुख बनने से दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध को निजी तौर पर तवज्जो मिल सकती है।

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अगले रक्षा मंत्री के तौर पर एस्टन कार्टर को नामित कर रहे हैं जो भारत के लिए एक अच्छी खबर है क्योंकि कार्टर के पेंटागन प्रमुख बनने से दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध को निजी तौर पर तवज्जो मिल सकती है।

कार्टर ने पिछले साल कहा था कि भारत और अमेरिका के तकदीर में है कि विश्व स्तर पर वे साझीदार हों तथा भारत-अमेरिका रक्षा संबंध मौजूदा खरीददार-विक्रेता के रिश्ते को ‘सहनिर्माण और ‘सह विकास’ तक आगे बढ़ना चाहिए। कार्टर के नामांकन के संबंध में राष्ट्रपति द्वारा इसकी औपचारिक घोषणा किये जाने की उम्मीद है। निवर्तमान रक्षा मंत्री चक हेगल ने पिछले सप्ताह इस्तीफा दे दिया था। अधिकारियों ने निजी बातचीत में माना है कि व्हाइट हाउस का भरोसा खत्म होने के बाद उन्हें पद गंवाना पड़ा।

ओबामा के बेहद भरोसेमंद कार्टर ने अक्तूबर 2011 से दिसंबर 2013 के बीच उप रक्षामंत्री रहने के दौरान संचालन (ऑपरेटिंग) अधिकारी के तौर पर सालाना 600 अरब डॉलर और 24 लाख असैन्य और सैन्य कर्मियों सहित वैश्विक अभियानों की निगरानी की।

वह अप्रैल 2009 से अक्तूबर 2011 के बीच खरीद, तकनीक और साजो सामान के लिए उप रक्षामंत्री रहे। इस दौरान सभी तकनीक, सिस्टम, सेवाएं और आपूर्ति, प्रतिष्ठान और आधारभूत संरचना, उर्जा और पर्यावरण तथा शोध एवं विकास की जिम्मेदारी थी। फिलहाल, वह स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय के हूवर संस्थान में विजिटिंग फैलो और फ्रीमैन स्पोगली इंस्टिट्यूट फोर इंटरनेशनल स्टडीज में व्याख्याता हैं।

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