वर्ष 1959 की क्रांति के बाद जन्मे और देश के राष्ट्रपति बनने वाले डियाज - कैनल द्वीप के 60 साल के इतिहास में ऐसे पहले नेता होंगे, जिनके नाम में कास्त्रो नहीं जुड़ा है.
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हवाना: क्यूबा में लंबे समय से उपराष्ट्रपति रहे मिगेल डियाज - कैनल को देश के राष्ट्रपति राउल कास्त्रो द्वारा औपचारिक रूप से सत्ता की कमान सौंपने के साथ देश के राजनीतिक इतिहास में आज (गुरुवार, 19 अप्रैल) एक युग का अंत हो गया और इसके साथ ही द्वीप पर कास्त्रो परिवार के छह दशक लंबे शासन का भी अंत हो गया.
57 वर्षीय डियाज - कैनल कम्युनिस्ट पार्टी के एक शीर्ष नेता हैं. वर्ष 2013 से वह पहले उपराष्ट्रपति के तौर पर सेवा दे रहे हैं. वर्ष 1959 की क्रांति के बाद जन्मे और देश के राष्ट्रपति बनने वाले डियाज - कैनल द्वीप के 60 साल के इतिहास में ऐसे पहले नेता हैं, जिनके नाम में कास्त्रो नहीं जुड़ा है. क्यूबा की 1959 की क्रांति के बाद पैदा हुए वह देश के पहले राष्ट्रपति होंगे.
क्यूबा के राष्ट्रपिता माने जाने वाले फिदेल कास्त्रो और उनके छोटे भाई राउल कास्त्रो के नेतृत्व में शीत युद्ध के दौरान कैरेबियाई द्वीप ने अहम भूमिका निभायी और सोवियत संघ के विघटन के बावजूद उन्होंने साम्यवाद को बचाये रखा. फिदेल कास्त्रो के बीमार रहने के चलते वर्ष 2006 से राउल कास्त्रो (86) सत्ता संभाल रहे हैं.
‘1961 बे ऑफ पिग्स’ की वर्षगांठ पर सुबह करीब नौ बजे देश के नेता के तौर पर उनकी औपचारिक पुष्टि की जायेगी. ‘1961 बे ऑफ पिग्स’ हमले में फिदेल कास्त्रो के सुरक्षा बलों ने 1,400 अमेरिका समर्थित उन विद्रोहियों को हराया था जो कास्त्रो को उखाड़ फेंकना चाहते थे.
डियाज - कैनल को उनके 58 वें जन्मदिन से एक दिन पहले नेशनल असेंबली ने राष्ट्रपति चुना. मतदान का नतीजा घोषित होने के बाद सदन में मौजूद सदस्यों ने तालियां बजाकर नए राष्ट्रपति का अभिवादन किया. डियाज - कैनल इस चुनाव में एकमात्र उम्मीदवार थे. उनको 604 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 603 सदस्यों के मत के साथ चुना गया.