चीन को भारत ने फिर दिया करारा जवाब, कोविंद की अरुणाचल यात्रा पर जताई थी नाराजगी
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चीन को भारत ने फिर दिया करारा जवाब, कोविंद की अरुणाचल यात्रा पर जताई थी नाराजगी

चीन नियमित रूप से किसी भी भारतीय अधिकारी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा का विरोध करता आया है.

अरुणाचल के पहले दौरे पर राजधानी ईटानगर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद. (@rashtrapatibhvn/19 Nov, 2017)

बीजिंग: चीन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अरुणाचल प्रदेश यात्रा का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि भारत को ऐसे समय में सीमा विवाद को ‘‘जटिल बनाने’’ से बचना चाहिए जब द्विपक्षीय संबंध ‘‘निर्णायक क्षण’’ में है. राष्ट्रपति कोविंद ने रविवार (19 नवंबर) को अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की थी. कोविंद की अरुणाचल प्रदेश यात्रा के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यू कांग ने मीडिया से कहा, ‘‘चीनी सरकार ने कभी भी तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को स्वीकार नहीं किया और सीमा मुद्दे पर हमारी स्थिति दृढ़ और स्पष्ट है.’’ चीन नियमित रूप से किसी भी भारतीय अधिकारी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा का विरोध करता आया है.

  1. चीन भारत के इस पूर्वोत्तर राज्य को अपना बताता है.
  2. सीतारमण ने 5 नवंबर को अरुणाचल में चौकियों का दौरा किया था.
  3. रक्षा मंत्री ने एलएसी पर रक्षा तैयारियों का जायजा लिया था.

भारत ने चीन की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश देश का एक अभिन्न अंग है और भारतीय नेता राज्य की यात्रा करने के लिए उतने ही स्वतंत्र है जितने कि देश के अन्य किसी हिस्से की. ल्यू ने कहा, ‘‘दोनों देश एक निष्पक्ष और उचित समाधान पर पहुंचने के लिए बातचीत के जरिये इस मुद्दे का समाधान करने की प्रक्रिया में है.’’ उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को शांति के माहौल के लिए लंबित अंतिम समाधान के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘ चीन ऐसे समय में दृढ़ता के साथ भारतीय नेताओं की संबंधित क्षेत्र में गतिविधियों का विरोध जताता है जब चीन-भारत संबंध एक निर्णायक क्षण में है.’’ 

भारत का चीन को करारा जवाब, भारतीय नेता अरुणाचल जाने के लिए स्वतंत्र

ल्यू ने कहा, ‘हमे उम्मीद है कि भारत इसी दिशा में काम करेगा और द्विपक्षीय संबंधों की सामान्य तस्वीर को बनाये रखेगा तथा सीमा मुद्दे को जटिल बनाने से बचेगा ताकि सीमा मुद्दे पर बातचीत के लिए अनुकूल स्थिति बनायी जा सके.’ भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) 3,488 किलोमीटर तक है. सीमा विवाद के समाधान के लिए दोनों पक्षों के विशेष प्रतिनिधियों द्वारा बातचीत के 19 दौर हो चुके है. उम्मीद है कि बातचीत का 20वां दौर अगले महीने नयी दिल्ली में होगा. हालांकि तिथि की घोषणा अभी नहीं की गयी है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके चीनी समकक्ष यांग जेची सीमा वार्ता के लिए नामित विशेष प्रतिनिधि है.

इससे पहले भारत ने बीते गुरुवार (9 नवंबर) को चीन की उस आपत्ति को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर नाराजगी जाहिर की थी. भारत ने कहा था कि यह (अरुणाचल) देश का अभिन्न हिस्सा है और भारतीय नेता वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं ठीक वैसे ही जैसे किसी और राज्य में जाते हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और भारतीय नेता उसी तरह से वहां (अरुणाचल) जाने के लिए स्वतंत्र हैं जैसे वे देश के किसी अन्य राज्य में जाते हैं.'

भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधि के बीच सीमा को लेकर होने वाले अगले स्तर की वार्ता से जुड़े सवाल पर कुमार ने कहा था कि दोनों ही पक्ष एक-दूसरे से संपर्क में हैं. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, 'हमारे पास बातचीत को लेकर कोई निश्चित तारीख अब तक नहीं है. दोनों पक्ष संपर्क में हैं. एक बार जब हमें तारीख मिल जाएगी आपको बता देंगे.'

उल्लेखनीय है कि भारतीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के अरुणाचल प्रदेश के दौरे को लेकर चीन ने सोमवार (6 नवंबर) को नाराजगी जाहिर की थी. चीन ने कहा था कि विवादित क्षेत्र का दौरा सीमा पर शांति बनाने में सहायक नहीं होगा. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, "भारतीय रक्षामंत्री के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर हमारा रुख बहुत साफ है कि चीन-भारत सीमा का पूर्वी भाग विवादित है."

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