अमेरिका-उत्तर कोरिया की जुबानी जंग से चीन परेशान, दोनों मुल्कों से संयम रखने को कहा
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अमेरिका-उत्तर कोरिया की जुबानी जंग से चीन परेशान, दोनों मुल्कों से संयम रखने को कहा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने एक दूसरे को लगातार धमकियां दी है और व्यक्तिगत हमले किए हैं. 

चीन ने अमेरिका और उत्तर कोरिया से एक-दूसरे को उकसाने से बचने को कहा. (फाइल फोटो)

बीजिंग: कोरियाई प्रायद्वीप पर तनाव के बीच चीन ने सोमवार (25 सितंबर) को अमेरिका और उत्तर कोरिया से संयम रखने और एक दूसरे को उकसाने से बचने को कहा. बीजिंग ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच जुबानी जंग को लेकर बहुत चिंतित है. उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरूआत में अपना सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण किया था जिसके बाद से तनाव नाटकीय रूप से बढ़ गया है. उत्तर कोरिया की सरकार संचालित केसीएनए समाचार एजेंसी ने इसे हाइड्रोजन बम करार दिया था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने एक दूसरे को लगातार धमकियां दी है और व्यक्तिगत हमले किए हैं.

दरअसल, उत्तर कोरिया अमेरिका पहुंचने में सक्षम और परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम मिसाइल विकसित करने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में हालात तनावपूर्ण होने के बारे में चीन बहुत चिंतित है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि किसी भी पक्ष को आग में घी डालने से बचना चाहिए. दोनों पक्षों के उकसाऊ बयान बंद करने पर एक रास्ता निकाला जा सकता है.’’ 

उत्तर कोरिया ने अंतर्राष्ट्रीय संसदों को लिखी चिट्ठी, ट्रंप पर मढ़ा 'परमाणु संकट' की ओर धकेलने का आरोप

इससे पहले उत्तर कोरिया की एक समिति ने कई अंतर्राष्ट्रीय संसदों को एक खुला पत्र भेजकर अमेरिकी राष्ट्रपति 'डोनाल्ड ट्रंप के झगड़ालू रवैये' की निंदा की है. कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उत्तर कोरियाई संसद की विदेशी मामलों की समिति द्वारा पत्र रविवार को भेजा गया लेकिन यह नहीं बताया कि इसे किस-किस को भेजा गया है. पत्र में ट्रंप द्वारा 19 सितम्बर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में की गई उस टिप्पणी की निंदा की गई है, जिसमें उन्होंने उत्तर कोरिया को पूरी तरह तबाह करने की धमकी दी थी और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन को 'रॉकेट मैन' कहा था.

समाचार एजेंसी एफे न्यूज ने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि प्योंगयांग ने ट्रंप की इस टिप्पणी को 'कोरियाई लोगों का असहनीय अपमान, उत्तर कोरिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा व वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा' बताया है. पत्र के मुताबिक, "अगर ट्रंप सोचते हैं कि वह परमाणु शक्ति संपन्न उत्तर कोरिया को परमाणु युद्ध की धमकी देकर घुटने टेकने पर मजबूर कर देंगे तो यह उनका बहुत बड़ा गलत अनुमान और अज्ञानता है."

पत्र में कहा गया है कि अपने कार्यकाल के पहले दिन से ट्रंप ने मनमाने तरीके से काम किया है. अंतर्राष्ट्रीय कानून व समझौते खत्म कर दिए और पूरी दुनिया की कीमत पर अमेरिका के फायदे को प्राथमिकता दिया. प्योंगयांग ने विश्वास जताया कि विभिन्न देशों की संसद आजादी, शांति व न्याय पसंद करने वाली हैं और इस मौके को अपने कर्तव्यों को पूरा करने में इस्तेमाल करेंगी.

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