पेरिस जलवायु समझौते में यदि भारी फेलबदल किया जाए तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उस पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हो सकते हैं.
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लंदन: पेरिस जलवायु समझौते में यदि भारी फेलबदल किया जाए तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उस पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हो सकते हैं. ट्रंप ने ब्रिटेन के एक निजी चैनल से साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमारे लिए पेरिस समझौता भयानक हो सकता था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे अच्छा समझौता करें... तो इसमें वापस आने की हमेशा संभावना है.
हमने भयानक समझौता किया
ट्रंप ने कहा, ‘‘अगर कोई कहता है कि पेरिस समझौते को स्वीकार करो तो इसे बिल्कुल अलग समझौता होना होगा क्योंकि हमने भयानक समझौता किया था.’’ जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पेरिस समझौते पर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हस्तक्षर किए थे लेकिन जून 2017 में ट्रंप ने इस समझौते से अलग होने की घोषणा कर विश्व को हैरत में डाल दिया था.
ट्रंप ने इसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए खराब समझौता करार दिया था. वहीं ट्रंप के जलवायु समझौते से अलग होने पर दुनियाभर के देशों ने अमेरिका की आलोचना की थी.
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भारत फैलता है प्रदूषण
गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेरिस समझौते पर भारत, रूस और चीन समेत कई बड़े देशों पर निशाना साधा था. वर्ष 2016 में पेन्सिल्वेनिया में एक रैली को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा था कि पेरिस जलवायु समझौते के तहत अमेरिका खरबों डॉलर की राशि खर्च कर रहा है, लेकिन रूस और भारत जैसे देश प्रदूषण फैलाने के सिवाय कुछ नहीं कर रहे हैं.
इतना ही नहीं रैली को संबोधित करते हुए ट्रंप ने इस समझौते को एकतरफा कहा था. ट्रंप ने कहा था कि इस समझौते के अंतर्गत पैसों का भुगतान करने के लिए अमेरिका को 'गलत तरीके' से निशाना बनाया जा रहा है.
(इनपुट एजेंसी से भी)