अफगान हमले को लेकर ट्रंप ने साधा पाकिस्तान पर निशाना, तालिबान के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग
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अफगान हमले को लेकर ट्रंप ने साधा पाकिस्तान पर निशाना, तालिबान के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग

ट्रंप ने कहा, ‘अब सभी देशों को तालिबान और उसका समर्थन करने वाले आतंकी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए.’

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. (फाइल फोटो)

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान का अप्रत्यक्ष तौर पर जिक्र करते हुए अन्य देशों से तालिबान और उसका समर्थन करने वाले आतंकी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की रविवार (28 जनवरी) को अपील की. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के भीड़भाड़ वाले इलाके में विस्फोटकों से भरी एंबुलेंस में शनिवार (27 जनवरी) को विस्फोट हुआ जिसमें कम से कम 95 लोग मारे गए और 158 अन्य घायल हो गए. यह इस युद्धग्रस्त देश में हाल के वर्षों में हुआ सबसे बड़ा हमला है. तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. इसके बाद ट्रंप ने एक कड़ा बयान दिया.

  1. इस आतंकी हमले में 95 लोग मारे गए और 158 अन्य घायल हो गए. 
  2. यह इस युद्धग्रस्त देश में हाल के वर्षों में हुआ सबसे बड़ा हमला है. 
  3. तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.

ट्रंप ने कहा, तालिबान की क्रूरता नहीं चलेगी   
ट्रंप ने कहा, ‘अब सभी देशों को तालिबान और उसका समर्थन करने वाले आतंकी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए.’ अमेरिका और अफगानिस्तान दावा करते हैं कि तालिबान पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी पनाहगाहों के कारण ऐसे हमले करता रहा है. हालांकि पाकिस्तान इस आरोप का लगातार खंडन करता रहा है. ट्रंप ने कहा, ‘मैं शनिवार को काबुल में हुए घृणित कार बम हमले की निंदा करता हूं कि जिसमें कई निर्दोष नागरिक मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए. यह क्रूर हमला हमारे और हमारे अफगान साझेदारों के संकल्प को मजबूत करता है.’ अफगानिस्तान को आतंकवादियों से मुक्त कराने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए ट्रंप ने कहा, ‘तालिबान की क्रूरता नहीं चलेगी.’

संयुक्त राष्ट्र ने भी अफगान हमले की निंदा
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और शक्तिशाली सुरक्षा परिषद ने काबुल में ‘निर्मम और कायरतापूर्ण हमले’ की कड़ी निंदा की. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बयान में ‘आतंकवादी कृत्यों के दोषियों, आयोजकों और उसे आर्थिक सहायता देने वाले लोगों को सजा देने की जरुरत’ पर जोर दिया. गुतारेस ने एक बयान में कहा कि नागरिकों पर अंधाधुंध हमले मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का गंभीर उल्लंघन है तथा इसे न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता.

 

(इनपुट एजेंसी से भी)

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