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संयुक्त राष्ट्र : मुंबई आतंकवादी हमलों के साजिशकर्ता लश्कर ए तय्यबा के संदर्भ में कनाडा ने पाकिस्तान की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा है कि 2008 का मुंबई आतंकवादी हमला दिखाता है कि यदि चरमपंथ को ‘‘एक संप्रभु राष्ट्र की शह मिलती है’’ तो यह अनुमान से कहीं अधिक खतरनाक हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र में कनाडा के उप स्थायी प्रतिनिधि माइकल ग्रांट ने नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले की छठी बरसी से पूर्व भारत के साथ एकजुटता प्रदर्शित की। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए थे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद के मुकाबले के संबंध में 19 नवंबर को एक उच्च स्तरीय बहस में ग्रांट ने इस बात पर जोर दिया कि ‘हिंसक चरमपंथ की लहरों’ ने विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को निशाना बनाया।
उन्होंने छह साल पहले मुंबई में मासूम लोगों को निशाना बनाने के लिए किए गए हमलों की कनाडा सरकार द्वारा निंदा किए जाने का जिक्र किया और कहा, ‘कनाडा भारत के साथ एकजुटता जाहिर करता है।’ उन्होंने कहा कि मुंबई हमले इस बात का उदाहरण हैं कि यदि हिंसक चरमपंथ को एक संप्रभु राष्ट्र की शह मिले तो वह कैसे और अधिक खतरनाक हो सकता है।
लश्कर ए तय्यबा ने तीन दिनों तक तबाही मचायी थी। मुंबई में ओबेराय ट्राइडेंट, ताज महल होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा और एल्बलैस हास्पिटल, मेट्रो सिनेमा, सीएसटी रेलवे स्टेशन तथा चबाड़ हाउस को निशाना बनाया गया था।