गठन की प्रक्रिया में है ग्रहीय प्रणाली का पहला सबूत
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गठन की प्रक्रिया में है ग्रहीय प्रणाली का पहला सबूत

वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से करीब 450 प्रकाश वर्ष दूर एक युवा तारे के आस-पास पहली बार एक ग्रहीय प्रणाली को बनते पाया है। शोधार्धियों ने पाया कि धूल की एक तश्तरी में गोलाकार अंतराल है और युवा तारे एचएल ताउ के आसपास गैस का अंबार है जो ग्रहों के निर्माण से बना है।

टोरंटो : वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से करीब 450 प्रकाश वर्ष दूर एक युवा तारे के आस-पास पहली बार एक ग्रहीय प्रणाली को बनते पाया है। शोधार्धियों ने पाया कि धूल की एक तश्तरी में गोलाकार अंतराल है और युवा तारे एचएल ताउ के आसपास गैस का अंबार है जो ग्रहों के निर्माण से बना है।

यूनिवर्सिटी ऑफ टोरेंटो में प्लेनेटरी साइंस केंद्र के डेनियल तामायो ने कहा, एचएल ताउ के तारों के गठन के दौरान ग्रहों की शुरूआती स्थिति की संभवत: यह प्रथम तस्वीर है। हमारे ग्रहों का गठन कैसे हुआ, उस दिशा में हमारी क्षमता को समझने में यह एक बड़ा कदम हो सकता है।

एचएल ताउ की तस्वीर चिली के अटकामा मरूस्थल में अक्टूबर 2014 में अत्याधुनिक अटकामा लार्ज मिलीमीटर (सब मिलीमीटर ऐरे अल्मा) से लिया गया था जिसने एक वैज्ञानिक बहस छेड़ दी है। यह नतीजा एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

 

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