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एमस्टरडमः आथर्कि विकास के क्षेत्र में नीदरलैंड को भारत का स्वाभाविक साझेदार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज डच कंपनियों को देश में निवेश का न्योता देते हुए इसे "अवसरों की भूमि " कहा. नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट के साथ औपचारिक बैठक के बाद व्यापार, प्रौद्योगिकी और निवेश पर जोर देते हुए मोदी ने प्रमुख डच कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की.
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दोनों देशों के बीच सामाजिक सुरक्षा, जल संरक्षण और सांस्कृतिक साझेदारी के क्षेत्र में तीन सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर हुआ.
Interacted with Dutch CEOs. Invited them to invest in India and spoke about reform initiatives of Government of India over the last 3 years. pic.twitter.com/AzVXfQOsmh
— Narendra Modi (@narendramodi) June 27, 2017
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डच कंपनियों के सीईओं के साथ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी सरकार द्वारा किए गये सुधारों का लक्ष्य व्यापार को सरल बनाना और मानकों को वैश्विक स्तर तक लाना है. तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में नीदरलैंड पहुंचे मोदी ने कहा कि रियल स्टेट और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकषर्ति करने के लिए भारत ने 7000 सुधार किये हैं.
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उन्होंने कहा, भारत "अवसरों की भूमि है " जहां विकास दर सात प्रतिशत से भी ज्यादा है. वहां जनसंख्या 1.25 अरब है जिसमें 80 करोड़ की आयु 35 वर्ष से कम है. संयुक्त जल प्रौद्योगिकी डच इंडियन वाटर एलायंस फॉर लीडरशिप इनिशिएटिव्स (दीवाली) का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच जल सहयोग का प्रमुख क्षेत्र है.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंचाई और जल संरक्षण ऐसे क्षेत्र हैं जहां दोनों देश अपना सहयोग बढ़ा सकते हैं. निवेश आकषर्ति करने के लक्ष्य से उन्होंने कहा कि भारत में पेंशन फंड का विशेष रूप से स्वागत है. इससे पहले रूट के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन समझौता और नवीकरणीय उर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया.