चीन से पहली बार हुई रणनीतिक वार्ता, भारत ने आतंकवाद और मसूद अजहर का मुद्दा भी उठाया
Advertisement

चीन से पहली बार हुई रणनीतिक वार्ता, भारत ने आतंकवाद और मसूद अजहर का मुद्दा भी उठाया

भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर इन दिनों चीन के दौरे पर हैं। जयशंकर चीन-भारत रणनीतिक वार्ता के लिए बीजिंग के दौरे पर हैं। जयशंकर ने बुधवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। अपनी मुलाकात में जयशंकर ने चीन के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। बातचीत के दौरान जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान के इकोनॉमिक कॉरिडोर और आतंकी मसूद अजहर के मुद्दे को भी उठाया।

 

चीन से पहली बार हुई रणनीतिक वार्ता, भारत ने आतंकवाद और मसूद अजहर का मुद्दा भी उठाया

बीजिंग: भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर इन दिनों चीन के दौरे पर हैं। जयशंकर चीन-भारत रणनीतिक वार्ता के लिए बीजिंग के दौरे पर हैं। जयशंकर ने बुधवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। अपनी मुलाकात में जयशंकर ने चीन के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। बातचीत के दौरान जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान के इकोनॉमिक कॉरिडोर और आतंकी मसूद अजहर के मुद्दे को भी उठाया।

चीन और भारत ने अपने मौजूदा मतभेदों को सुलझाने के लिए चल रही व्यस्त बातचीत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए आज रणनीतिक वार्ता की। एनएसजी में सदस्यता को लेकर भारत की दावेदारी और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध को समर्थन देने को लेकर बीजिंग की अनिच्छा के कारण दोनों देशों के बीच मतभेद चल रहा है। इस वार्ता से ठीक पहले विदेश सचिव एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बातचीत की।

वांग ने वार्ता के सह-अध्यक्ष जयशंकर का स्वागत करते हुए कहा कि चीन और भारत दुनिया में अहम राष्ट्र होने के अलावा दो बड़े विकासशील देश और उभरते बाजार हैं। आज की वार्ता से पहले दोनों ओर के अधिकारियों द्वारा महत्वपूर्ण मुद्दों पर की गई उच्च स्तरीय वार्ताओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘हमें अक्सर बैठकें करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि आधिकारिक स्तर की बैठकों ने ‘सफल रणनीतिक वार्ता’ के लिए बहुत अच्छी नींव रखी है। उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष इस वार्ता को महत्व देता है।

वांग ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि इस रणनीतिक वार्ता का स्तर बढ़ाकर दोनों ही पक्ष अपने रणनीतिक संवाद को बढ़ाने, गलतफहमियां कम करने, अधिक विश्वास बनाने और हमारे रणनीतिक सहयोग को गहराने में समर्थ होंगे।’ उन्होंने कहा, ‘इस तरह हम अपने द्विपक्षीय संबंधों की क्षमताओं का बेहतर ढंग से दोहन कर सकते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर सकते हैं।’ जयशंकर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘यह पहली बार है, जब नए सिरे से शुरू हुई रणनीतिक वार्ता हो रही है।’

 

Trending news