राष्ट्रीयता के मुद्दे पर भारत-बांग्लादेश ने शुरू किया बस्तियों का सर्वेक्षण
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राष्ट्रीयता के मुद्दे पर भारत-बांग्लादेश ने शुरू किया बस्तियों का सर्वेक्षण

भारत और बांग्लादेश ने ऐतिहासिक भू सीमा समझौते के तहत 31 जुलाई से पूर्व अपने अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले भू भाग के एकीकरण के तहत एक दूसरे के सीमा क्षेत्र में स्थित 162 बस्तियों में रहने वाले 51,584 लोगों की राष्ट्रीयता की पसंद को दर्ज करने के लिए आज से एक संयुक्त सर्वेक्षण शुरू कर दिया।

राष्ट्रीयता के मुद्दे पर भारत-बांग्लादेश ने शुरू किया बस्तियों का सर्वेक्षण

ढाका : भारत और बांग्लादेश ने ऐतिहासिक भू सीमा समझौते के तहत 31 जुलाई से पूर्व अपने अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले भू भाग के एकीकरण के तहत एक दूसरे के सीमा क्षेत्र में स्थित 162 बस्तियों में रहने वाले 51,584 लोगों की राष्ट्रीयता की पसंद को दर्ज करने के लिए आज से एक संयुक्त सर्वेक्षण शुरू कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि 50 टीमों ने बांग्लादेश में 111 भारतीय बस्तियों और 25 टीमों ने भारत में 51 ऐसी बस्तियों में सर्वेक्षण का काम आरंभ कर दिया है। इन टीमों द्वारा 23 जुलाई तक सर्वेक्षण का कार्य पूरा किए जाने की उम्मीद है। दोनों देशों द्वारा 41 साल पुराने भू सीमा विवाद को क्षेत्रों के आदान प्रदान के जरिए सुलझाने के लिए किए गए ऐतिहासिक समझौते के ठीक एक माह बाद सर्वेक्षण शुरू किया गया है ।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, प्रत्येक टीम में दोनों देशों के पांच व्यक्ति हैं और वे बस्तियों के लोगों से पूछ रहे हैं कि उन्हें कौन सी नागरिकता चाहिए... उन्हें अगले 16 दिनों में यह काम पूरा कर दोनों देशों के संबंधित प्रशासन को रिपोर्ट सौंपनी है। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश और भारत का एक संयुक्त दल सर्वे को अंतिम रूप देगा और इच्छुक भारतीय तथा बांग्लादेशी नागरिकों की सूची तैयार करेगा और उसके बाद दोनों सरकारें 31 जुलाई तक सूची को अंतिम रूप देंगी और उनकी पसंद के देश में उनके पुनर्वास का प्रबंध करेंगी।

बांग्लादेश के भीतर 111 भारतीय बस्तियों में कुल 37, 369 लोग जबकि भारतीय क्षेत्र में 51 बांग्लादेशी बस्तियों में 14,215 लोग रहते हैं। पूर्व में किए गए अनाधिकृत सर्वेक्षणों में पाया गया था कि भारत के भीतर 51 बांग्लादेशी बस्तियों में रहने वाले लोग भारतीय नागरिकता के लिए जबकि बांग्लादेश के भीतर 111 भारतीय बस्तियों में से 99 बस्तियों के 223 परिवारों के 1057 लोग भारत की नागरिकता लेना चाहेंगे। एक गैर सरकारी संगठन ‘इंडिया-बांग्लादेश एनक्लेव एक्सचेंज कोर्डिनेशन कमेटी ने हाल ही में यह सर्वेक्षण किया था।

छह जून को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली बांग्लादेश यात्रा के दौरान दोनों देशों ने एलबीए के संबंध में दस्तावेजों का आदान प्रदान किया था जिससे 1974 के उस समझौते के क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त हुआ जिसके तहत दोनों देशों में स्थित 161 बस्तियों की अदला बदली की जानी थी।

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