लंदन: भारत, ब्रिटेन ने आतंकी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का लिया संकल्प
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लंदन: भारत, ब्रिटेन ने आतंकी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का लिया संकल्प

 भारत और ब्रिटेन ने लश्कर- ए- तैयबा और जैश- ए- मोहम्मद जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया. 

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे के बीच सार्थक चर्चा . (फोटो साभार : ANI)

लंदन: भारत और ब्रिटेन ने लश्कर- ए- तैयबा और जैश- ए- मोहम्मद जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया. दोनों देशों ने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवाद को किसी एक धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे के बीच ‘ सार्थक चर्चा ’ के बाद दोनों देशों ने आतंकवाद का मुकाबला करने का संकल्प लिया.  दोनों ने भारत - ब्रिटेन संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की.

10 डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से जारी बयान के अनुसार दोनों नेताओं के बीच बातचीत में सीरिया हवाई हमले , आतंकवाद विरोधी लड़ाई , कट्टरपंथ और ऑनलाइन चरमपंथ पर मुख्य रूप से चर्चा की गई. भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाओं से कहा कि आतंकवाद से लड़ाई के मुद्दे पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने मोदी से कहा कि ब्रिटेन इस समस्या से निपटने में भारत के साथ् एक रणनीतिक साझेदार के तौर पर खड़ा है.

साझा बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने भारत और ब्रिटेन में आतंकवाद और आतंकी घटनाओं सहित सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की. मोदी और मे कहा कि आतंकवाद को किसी भी आधार पर उचित नहीं ठहराया जा सकता तथा इसको किसी धर्म , नस्ल , राष्ट्रीयता और जाति से नहीं जोड़ा जा सकता. दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवादी और चरमपंथी संगठनों को ऐसे किसी भी दायरे से उपेक्षित रखने की जरूरत है जहां वे कट्टरपंथ फैला सकें , लोगों की भर्ती कर सकें और निदोर्ष लोगों पर आतंकी हमले कर सकें.

साझा बयान के अनुसार मोदी और मे ने लश्कर- ए- तैयबा, जैश- ए- मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन, हक्कानी नेटवर्क, अलकायदा, आईएसआईएस तथा इनसे जुड़े समूहों जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई. पिछले दिनों ब्रिटेन में पूर्व रूसी डबल एजेंट सर्गई स्क्रिपल तथा उनकी बेटी यूलिया पर नर्व एजेंट नामक रसायन द्वारा हमला किए जाने की घटना का भी साझा बयान में उल्लेख किया गया है.

बयान के मुताबिक मोदी और मे ने सीरिया में रासायनिक हथियारों के उपयोग से जुड़ी खबरों को लेकर गहरी चिंता को साझा किया. दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के किसी भी घटना की ‘ केमिकल वेपन्स कनवेंशन’ के प्रावधानों के मुताबिक संपूर्ण जांच होनी चाहिए.  

इनपुट भाषा से भी 

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