नेपाल में भारत की प्रतिक्रिया एवं पुर्ननिर्माण प्रयासों का स्वागत: UN
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नेपाल में भारत की प्रतिक्रिया एवं पुर्ननिर्माण प्रयासों का स्वागत: UN

संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने अप्रैल में नेपाल में आए भीषण भूकंप के बाद भारत की ओर से सबसे पहले दी गई प्रतिक्रिया एवं पुर्ननिर्माण संबंधी मदद की सराहना करते हुए कहा है कि काठमांडो ने भारत की ओर से मिलने वाली इस मदद का स्वागत किया था। इस भीषण भूकंप में लगभग 9000 लोग मारे गए थे।

नेपाल में भारत की प्रतिक्रिया एवं पुर्ननिर्माण प्रयासों का स्वागत: UN

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने अप्रैल में नेपाल में आए भीषण भूकंप के बाद भारत की ओर से सबसे पहले दी गई प्रतिक्रिया एवं पुर्ननिर्माण संबंधी मदद की सराहना करते हुए कहा है कि काठमांडो ने भारत की ओर से मिलने वाली इस मदद का स्वागत किया था। इस भीषण भूकंप में लगभग 9000 लोग मारे गए थे।

नेपाल में तबाही झेलने वाले इलाकों और वहां मौजूद भारी चुनौतियों से जुड़े अपने अभियान के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यक्रम सहायक प्रबंधक एवं नीति और कार्यक्रम सहयोग ब्यूरो के निदेशक माग्दी मार्टिनेज-सोलिमेन ने कहा, पुर्ननिर्माण के प्रयास में भारत और चीन की मौजूदगी बहुत अधिक है। हमने भारतीय सैन्यबलों को वहां पहली मदद उपलब्ध करवाते देखा। उन्होंने कहा कि नेपाली हवाईअड्डा वास्तव में भारतीय सेना के विमानों और हेलीकॉप्टरों से भरा पड़ा है, जिन्होंने नेपाली सैन्यबलों को 25 अप्रैल के भूकंप के बाद मदद की। उन्होंने कहा कि भारत की मदद का नेपाल द्वारा बहुत-बहुत स्वागत किया गया।

भूकंप आने के चार घंटे के भीतर राहत सामग्री के साथ भारत से पहला विमान रवाना कर दिया गया था और 550 टन की राहत सामग्री को पहुंचाने के लिए विमान लगातार लगे हुए थे। भारतीय सेना ने काठमांडो और पोखरा से 13 हेलीकॉप्टरों का संचालन किया और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के 16 दल तैनात किए गए थे, जिनमें 700 से ज्यादा प्रशिक्षित कर्मी शामिल थे। इसके अलावा सेना के 18 इंजीनियरिंग दल तैनात किए गए थे। भारतीय सेना ने तीन फील्ड अस्पताल लगाए और वायुसेना ने एक त्वरित कार्यबल की तैनाती की।

संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ विकास अधिकारी ने भूकंप के बाद पुर्ननिर्माण के लिए और खराब स्थितियों से उबरने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के पांच लाख से ज्यादा मकानों और सांस्कृतिक विरासत स्थलों की जरूरतों की ओर ध्यान आकषिर्त किया। मार्टिनेज ने कहा कि ‘अच्छी खबर’ यह है कि प्रमुख हवाईअड्डा, बांध, संचार एवं बिजली तंत्र जैसे बड़े अवसंरचनात्मक ढांचे नेपाल में आए दो भूकंपों में बचे रहे। उन्होंने कहा कि नुकसान का आधिकारिक आकलन चल रहा है और यह जुलाई की शुरुआत तक पूरा हो जाएगा।

मार्टिनेज ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में मकानों के साथ-साथ मंदिरों जैसी सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासतों को भी भारी नुकसान पहुंचा है, जिनपर नेपाल की अर्थव्यवस्था निर्भर करती है। यूएनडीपी के अधिकारी ने कहा कि उनकी एजेंसी के आकलन के अनुसार, मकानों के पुर्ननिर्माण के लिए 17.50 करोड़ डॉलर की जरूरत है।

मानवीय मामलों में समन्वय के संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के अनुसार, लगभग 28 लाख लोगों को मानवीय मदद की जरूरत है और आवास के नुकसान, सड़कों के जरिए सीमित पहुंच एवं गरीबी के कारण 8.6 लाख लोगों को इस मदद की तत्काल जरूरत है। ओसीएचए ने कहा कि हताहतों की कुल संख्या इस समय 8669 पहुंच चुकी है और 384 लोग अभी भी लापता हैं। यूएनडीपी के अधिकारी ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों में चीन द्वारा की गई मदद की भी सराहना की गई है।

मार्टिनेज का यह दौरा दरअसल नेपाल के पुनर्निर्माण के लिए और आपदा से उबरने की खातिर एक योजना पर चर्चा करने के लिए यूएनडीपी की ओर से दिए जा रहे जोर का हिस्सा था। यूएनडीपी एक ऐसी योजना पर जोर दे रहा है, जो कि लोगों की आधारभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार जारी प्रयासों के बीच अवसंरचना, सेवाओं और रोजगार की बहाली करे।

नेपाल में आए शुरूआती दो भूकंपों के एक माह बाद संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने चेतावनी दी है कि लगभग 70 हजार बच्चों पर कुपोषण का खतरा है और उन्हें तत्काल मदद की जरूरत है। इनमें भूकंप में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए 14 जिलों के वे करीब 15,000 बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हें तीव्र कुपोषण के उपचार के लिए पोषक तत्वों से भरपूर भोजन की जरूरत है।

नेपाल में यूनिसेफ के प्रतिनिधि तोमू होजुमी ने एक बयान में कहा कि इन बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए और आने वाले मानसून में पनपने वाली बीमारियों, खासकर जल संबंधी रोगों से लड़ने के लिए इनमें प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने के उद्देश्य से एजेंसी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर दोगुनी गति के साथ काम कर रही है।

नेपाल में संयुक्तराष्ट्र के मानवीय संयोजक जेमी मैक गोल्डरिक ने कहा, प्राकृतिक आपदा में जीवित बचे लोगों तक पहुंचने के लिए पर्याप्त प्रगति की गई है और स्थितियों एवं जटिलताओं के लिहाज से अब हम सभी प्रभावित समुदायों की मदद के लिए अच्छी स्थिति में हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम ने कहा कि लगभग 20 लाख लोगों को खाद्य सहायता मिल चुकी है और उंचाई पर स्थित गांवों के लोगों तक पहुंचने के लिए ‘ऑपरेशन माउंटेन एक्सप्रेस’ का नया चरण जारी है।

नेपाल में आगामी मानसून राहत कार्यों की तत्काल जरूरत को और अधिक बढ़ा रहा है क्योंकि जून में होने वाली संभावित बारिश सुदूर ग्रामीण इलाकों तक पहुंच को प्रभावित कर सकती है।

 

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