ईरान ने अपना पहला घरेलू लड़ाकू जेट विमान दुनिया के सामने पेश किया और उसके राष्ट्रपति हसन रुहानी ने कहा कि उनके देश की यह सैन्य ताकत बस दुश्मनों को कदम पीछे खींचने के लिए बाध्य करने और स्थायी शांति के लिए तैयार की गयी है.
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तेहरान: ईरान ने अपना पहला घरेलू लड़ाकू जेट विमान दुनिया के सामने पेश किया और उसके राष्ट्रपति हसन रुहानी ने कहा कि उनके देश की यह सैन्य ताकत बस दुश्मनों को कदम पीछे खींचने के लिए बाध्य करने और स्थायी शांति के लिए तैयार की गयी है. सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित तस्वीरों में रुहानी तेहरान में राष्ट्रीय रक्षा उद्योग प्रदर्शनी में चौथी पीढ़ी के नये कोवसार विमान के कॉकपिट में बैठे हुए नजर आ रहे हैं. सरकारी मीडिया ने कहा कि उसने वैमानिकी और बहुद्देश्यीय रडार प्रणाली में काफी तरक्की की है और उसने पहली बार शत प्रतिशत स्वदेशी तरीके से यह विमान बनाया है. रुहानी ने टेलीविजन पर प्रसारित भाषण में कहा, ‘‘जब मैं रक्षा करने की अपनी तैयारी की बात करता हूं तो इसका मतलब स्थायी शांति के लिए कोशिश करना होता है.
लेकिन, यदि हमारी तैयारी नहीं है तो इसका मतलब है कि हम युद्ध का स्वागत करते हैं .’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग सोचते हैं कि जब हम अपनी सैन्य ताकत बढ़ाते हें तो इसका मतलब हम युद्ध चाहते हैं. लेकिन यह शांति की कोशिश है क्योंकि हम नहीं चाहते कि लड़ाई हो.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि हमारे पास प्रतिरोधक क्षमता नहीं होगी तो यह दूसरों के लिए हमारी जमीन में घुसने की हरी बत्ती होगी.’’
ईरान ने बताया था कि अगले हफ्ते पेश करेगा नया फाइटर जेट
ईरान ने इस हफ्ते एक नया लड़ाकू विमान उतारने की घोषणा की है. अमेरिका एवं इजरायल की ओर से आने वाले खतरों से निपटने के लिए मिसाइल मोर्चे पर वह खुद को दुरुस्त करेगा. तस्नीम समाचार एजेंसी ने रक्षा मंत्री के हवाले से रविवार को यह जानकारी दी. तस्नीम के मुताबिक टीवी पर शनिवार को प्रसारित हुए एक साक्षात्कार में रक्षा मंत्री अमीर हातमी ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता हमारी मिसाइल क्षमता है और मिसाइल प्रतिरक्षा में दुश्मनों के प्रयासों को देखते हुए हमें इसे बढ़ाना होगा. उन्होंने बताया कि नया लड़ाकू विमान नेशनल डिफेंस इंडस्ट्री डे के दिन उड़ान भरेगा, यह दिन बुधवार को मनाया जाएगा.
हातमी ने कहा कि यह रक्षा कार्यक्रम मिसाइल हमलों की उन यादों से प्रेरित है जो 1980 में इराक के साथ चले आठ साल के युद्ध के दौरान ईरान को झेलने पड़े. साथ ही यह इजरायल एवं अमेरिका से बार-बार मिल रही धमकियों से निपटने के लिए है जो इस्लामी गणराज्य से निपटने के लिए “सभी विकल्प तैयार रहने” की बात कहते हैं. हातमी ने कहा, हमने ईरान-इराक युद्ध में सीखा था कि हम किसी पर नहीं बल्कि खुद पर ही निर्भर हो सकते हैं. हमने देखा कि हम जहां-जहां असमर्थ हैं वहां कोई हम पर दया नहीं दिखाने वाला. उन्होंने कहा, हमारे संसाधन सीमित हैं और हम न्यूनतम लागत पर सुरक्षा स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
इनपुट भाषा से भी