अमेरिकी थिंक टैंक का मानना है कि 1990 के दशक के आखिर में यूरोप को आतंकवादी संगठन अलकायदा से जितना खतरा था, उससे कहीं अधिक खतरा मौजूदा समय में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों से है।
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वाशिंगटन : अमेरिकी थिंक टैंक का मानना है कि 1990 के दशक के आखिर में यूरोप को आतंकवादी संगठन अलकायदा से जितना खतरा था, उससे कहीं अधिक खतरा मौजूदा समय में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों से है।
अमेरिकी थिंक टैंक 'रैंड कार्पोरेशन' के सहायक राजनीतिक वैज्ञानिक कोलिन पी. क्लार्क ने बताया, 'मेरे ख्याल से यूरोप में हालात 1990 के दशक में अलकायदा के होते जो हो रहा था, उससे भी कहीं अधिक दिल दहला देने वाले हैं।' आईएस न केवल इराक व सीरिया में बड़ी तादाद में जमीनों पर कब्जा कर मध्य पूर्व को जीतने का बिगुल बजाया हुआ है, बल्कि पूरे यूरोप में भीषण आतंकवादी हमले कर अपना असल रूप दिखाया है। आईएस के आतंकवादियों ने पिछले साल नवंबर में पेरिस में कई हमले किए, जिसमें 130 लोग मारे गए थे।
पिछले महीने भी आईएस ने बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में एक हवाई अड्डे और एक मेट्रो स्टेशन पर तीन बम विस्फोटों को अंजाम दिया, जिसमें 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे। ये आतंकवादी हमले उस आतंकवादी हमले की याद दिलाते हैं, जिसे ओसामा बिन लादेन की सरपरस्ती वाले आतंकवादी समूह अलकायदा ने 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका के न्यूयॉर्क व वाशिंगटन डीसी में अंजाम दिया था, जिसमें करीब 3,000 लोग मारे गए थे।
अमेरिका के शीर्ष खुफिया अधिकारी जेम्स क्लैपर ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि इस्लामी आतंकवादियों की ब्रिटेन, जर्मनी व इटली में शाखाएं हैं। क्लैपर का यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा यूरोपीय देशों के नेताओं से आईएस का सामना करने के लिए अपनी कोशिशें और बढ़ाने को कहे जाने के बाद आया है।