शरीफ के खिलाफ मामले की जांच दिलचस्प बनाने के लिए ISI अधकारियों को किया गया शामिल
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शरीफ के खिलाफ मामले की जांच दिलचस्प बनाने के लिए ISI अधकारियों को किया गया शामिल

बीबीसी उर्दू की खबर के मुताबिक निसार ने संघीय जांच एजेंसी के महानिदेशक बशीर मेमन को पनामागेट जेआईटी के सदस्यों के बारे में तीन सदस्यीय पीठ को बताने को कहा .

मामले की सुनवाई बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.(फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ पनामा पेपर मामले की जांच को ‘दिलचस्प’ बनाने के लिए संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) में जासूसी एजेंसियों - मिलिट्री इंटेलीजेंस और आईएसआई - के अधिकारियों को शामिल किया गया. प्रधान न्यायाधीश निसार ने जरदारी ग्रुप के खाते से 35 अरब डॉलर के लेनदेन से जुड़े मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए यह टिप्पणी की. इस कंपनी का मालिकाना हक पूर्व राष्ट्रपति एवं पीपीपी के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर के पास है. बीबीसी उर्दू की खबर के मुताबिक निसार ने संघीय जांच एजेंसी के महानिदेशक बशीर मेमन को पनामागेट जेआईटी के सदस्यों के बारे में तीन सदस्यीय पीठ को बताने को कहा .

इस पर, न्यायालय को बताया गया कि टीम में छह सदस्य हैं. मेमन ने जेआईटी सदस्यों के नाम गिनाए और जब उन्होंने ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) नौमान सईद का नाम लिया तब प्रधान न्यायाधीश ने पूछा, ‘‘यह व्यक्ति किस विभाग से है? ’’ पीठ को बताया गया कि वह आईएसआई से हैं. इसपर, प्रधान न्यायाधीश निसार ने कहा कि इसे दिलचस्प बनाने के लिए शरीफ परिवार के वित्तीय लेन देन की जांच करने वाली जेआईटी में जासूसी एजेंसियों के अधिकारियों को शामिल किया गया है.

उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में जासूसी अधिकारियों को शामिल करने की कोई जरूरत नहीं है. बहरहाल, मामले की सुनवाई बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. अप्रैल 2017 में पाक सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने जेआईटी का गठन किया था. गौरतलब है कि शरीफ ने जेआईटी में आईएसआई अधिकारी को शामिल किए जाने पर ऐतराज जताया था.  

इनपुट भाषा से भी  

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