पुतिन ने फोन पर बातचीत में कहा कि इस मामले में सीरिया में खतरनाक घटनाओं को रोकने को लेकर रूसी-इजरायली समझौते की अनदेखी की गई.
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यरुशलम: इजरायली हमले के दौरान सीरियाई सेना द्वारा रूसी विमान को निशाना बनाए जाने से 15 रूसी सैनिकों के मारे जाने पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दुख व्यक्त किया है. उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन कर अपनी संवेदना जताई. नेतन्याहू ने दुखद घटना की जांच कराने का भरोसा दिलाने के साथ ही सीरियाई क्षेत्र में इजरायली वायु सेना द्वारा अंजाम दी गई गतिविधियों के बारे में भी विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराने का वादा किया है.
इजरायली और रूसी अधिकारियों के मुताबिक, सीरिया के लताकिया में इजरायली वायु सेना के हमले के दौरान 15 सदस्यों वाले रूसी विमान को सीरियाई मिसाइलों द्वारा मार गिराए जाने के बाद नेतन्याहू और पुतिन के बीच फोन पर वार्ता हुई. इससे पहले मंगलवार को इजरायली सेना ने कहा था कि चार इजरायली एफ-16 विमानों द्वारा किए गए हमले का मकसद ईरान से लेबनान के आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह तक हथियारों की आपूर्ति को रोकना था.
इजरायली प्रधानमंत्री के कार्यालय ने एक बयान में कहा, "प्रधानमंत्री ने रूसी सैनिकों की मौत पर अफसोस जाहिर किया है और कहा है कि विमान को मार गिराए जाने के लिए सीरिया जिम्मेदार है." बयान में कहा गया कि बातचीत के दौरान नेतन्याहू ने सीरिया में तीन वर्षो से इजरायल और रूस के बीच चल रहे सैन्य समन्वय के महत्व पर जोर दिया. नेतन्याहू ने यह भी कहा कि इजरायल इस घटना के बारे में जुटाई गई जानकारियों को रूस के साथ साझा करने के लिए तैयार है.
'इजरायल ने सीरियाई संप्रभुता का उल्लंघन किया'
उधर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को फोन पर वार्ता के दौरान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कहा कि इजरायली वायु सेना का सीरिया में अभियान करना उसकी (सीरिया) संप्रभुता का उल्लंघन है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, पुतिन ने यह टिप्पणी रूसी रक्षा मंत्रालय के उस बयान के बाद की जिसमें उसने कहा था कि सोमवार रात उसके आईएल-20 निगरानी करने वाले विमान जिसमें 15 रूसी सैनिक सवार थे, इजरायली मिसाइलों की जद में आ गए और अनजाने में सीरियाई मिसाइल ने उसे मार गिराया.
क्रेमलिन की प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, पुतिन ने फोन पर बातचीत में कहा कि इस मामले में सीरिया में खतरनाक घटनाओं को रोकने को लेकर रूसी-इजरायली समझौते की अनदेखी की गई. पुतिन ने इजरायली पक्ष से अब से इस तरह की स्थितियों को रोकने का आग्रह किया है.
(इनपुट: एजेंसी IANS से भी)