ZEE जानकारी: जानें पाकिस्तान के चुनाव में कितना अहम है कश्मीर मुद्दा?
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ZEE जानकारी: जानें पाकिस्तान के चुनाव में कितना अहम है कश्मीर मुद्दा?

पाकिस्तान में चुनाव होने वाले हैं और आज हमारे पास पाकिस्तान की तीन बड़ी राजनीतिक पार्टियों के घोषणापत्र हैं . इन तीनों ही पार्टियों के घोषणापत्रों में कश्मीर का मुद्दा आखिरी के पन्नों पर है .

ZEE जानकारी: जानें पाकिस्तान के चुनाव में कितना अहम है कश्मीर मुद्दा?

पाकिस्तान पूरी दुनिया में कश्मीर को मुद्दा बनाने की कोशिश करता है लेकिन सच ये है कि पाकिस्तान की जनता के लिए अब कश्मीर कोई मुद्दा नहीं है . पाकिस्तान में चुनाव होने वाले हैं और आज हमारे पास पाकिस्तान की तीन बड़ी राजनीतिक पार्टियों के घोषणापत्र हैं . इन तीनों ही पार्टियों के घोषणापत्रों में कश्मीर का मुद्दा आखिरी के पन्नों पर है . इसका मतलब ये है कि पाकिस्तान के नेताओं को भी ये पता है कि अब वहां सिर्फ कश्मीर के नाम पर कोई वोट नहीं देगा. 

मेरे हाथ में नवाज़ शरीफ की पार्टी 'पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़' का घोषणापत्र है . ये 68 पन्नों का घोषणापत्र है जिसके पेज नबंर 61 पर कश्मीर के मुद्दे का ज़िक्र है . इसमें वर्ष 2018 से वर्ष 2023 के कार्यकाल के लिए एक वादा किया गया है . इसमें लिखा है कि नवाज़ शरीफ की पार्टी कश्मीर और Palestine के पीड़ित लोगों और रोहिंग्याओं के साथ एकजुटता व्यक्त करती है और उनका समर्थन करती है . 

अब यहां दिलचस्प बात ये है कि वर्ष 2013 के घोषणापत्र में नवाज़ शरीफ की पार्टी ने कश्मीर पर लंबे-चौड़े वादे किए थे . वर्ष 2013 का घोषणापत्र 100 पन्नों का है और इसके पेज नंबर 82 पर कश्मीर के मुद्दे का ज़िक्र है . इसमें लिखा है कि जम्मू और कश्मीर के मुद्दे को हल करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे .  संयुक्त राष्ट्र के प्रावधानों, वर्ष 1999 के लाहौर समझौते और कश्मीर के लोगों की उम्मीदों के मुताबिक इस मुद्दे को हल करने की कोशिश की जाएगी . 

यहां Note करने वाली बात ये है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ ने 2013 के घोषणा पत्र में कश्मीर के मुद्दे पर 47 शब्द समर्पित किए थे . लेकिन 2018 के घोषणापत्र में कश्मीर को सिर्फ 14 शब्दों में निपटा दिया गया है . यानी कश्मीर के मुद्दे के प्रति नवाज़ शरीफ और उनकी पार्टी की कोई निष्ठा नहीं है . 

अब इमरान खान की पार्टी - पाकिस्तान तहरीके इंसाफ का घोषणापत्र देखिए. ये घोषणापत्र 58 पन्नों का है . इस घोषणा पत्र में पेज नंबर 55 पर कश्मीर के मुद्दे का ज़िक्र है.  इमरान खान की पार्टी ने कश्मीर के मुद्दे को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए लिखा है कि वो कश्मीर विवाद का हल करने के लिए संकल्पबद्ध हैं . 

इसके बाद पेज नंबर 56 पर ये बताया गया है कि वो अपने पड़ोसी के साथ विवादों का हल करने की कोशिश करेंगे. कश्मीर का ज़िक्र करते हुए इसमें लिखा है कि United Nations Security Council के मुताबिक कश्मीर के मुद्दे को हल करने के लिए एक blueprint पर काम किया जाएगा . पाकिस्तान के अंदर स्थायी शांति की कोशिश होगी . हमारे पड़ोसी भारत के साथ शांति की कोशिश होगी . संघर्ष के समाधान और सहयोग के लिए कोशिश की जाएगी . 

और ये Pakistan Peoples Party का घोषणापत्र है . ये घोषणापत्र 62 पन्नों का है और इसके पेज नंबर 59 पर कश्मीर के मुद्दे का ज़िक्र है . इसमें लिखा है<<Gfx-IN>>
कि हम ये मानते हैं कि जो देश, जम्मू-कश्मीर जैसे अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के मुद्दों पर United Nations Security Council के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हैं . उन्हें Security Council में special status नहीं मिलना चाहिए . 

आसान भाषा में समझने की कोशिश करें तो पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ के 68 पन्नों के घोषणापत्र में कश्मीर का ज़िक्र 61वें पेज पर है . 

पाकिस्तान तहरीके इंसाफ के 58 पन्नों के घोषणापत्र में कश्मीर का मुद्दा 55 और 56वें पेज नंबर पर है . 

और Pakistan Peoples Party के 62 पन्नों के घोषणापत्र में कश्मीर का मद्दा 59वें पेज नंबर पर है . 

पाकिस्तान की तीनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने कश्मीर के मुद्दे को आखिरी पन्नों पर जगह दी है 

इन तीनों ही पार्टियों के घोषणापत्रों के अध्ययन से ये पता चलता है कि ये सभी पार्टियां भारत से बहुत अच्छे रिश्ते चाहती हैं . ये तीनों ही पार्टियां चाहती हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच व्यापारिक रिश्ते मजबूत हों . लेकिन कश्मीर के मुद्दे को इन पार्टियों ने कोई अहमियत नहीं दी है . 

अगर एक और नज़रिए से पूरे मामले को समझने की कोशिश करें तो इमरान खान की पार्टी का नारा है... नया पाकिस्तान... लेकिन उनके इस नए पाकिस्तान में कश्मीर नहीं है . 

नवाज़ शरीफ की पार्टी का नारा है... वोट को इज़्ज़त दो... लेकिन कश्मीर के मुद्दे को उन्होंने कोई इज्ज़त नहीं दी है

और पाकिस्तान People's पार्टी का नारा है ... बीबी का वादा निभाना है पाकिस्तान बचाना है . इस नारे का मतलब है बेनजीर भुट्टो का वादा निभाना है पाकिस्तान बचाना है .  यानी कश्मीर पर कब्ज़ा करने के नारे लगाने के बजाए.. पाकिस्तान को बचाने की बातें हो रही हैं. 

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