लेबनान और सऊदी अरब में बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी का अचानक गायब हो जाने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.
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नई दिल्ली: लेबनान और सऊदी अरब में बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी का अचानक गायब हो जाने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लेबनान ने आरोप लगाया है कि उसके पूर्व पीएम साद अल-हरीरी को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में बंधक बनाकर रखा गया है. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले साद अल-हरीरी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा के दौरान अपने जीवन को खतरा बताते हुए अप्रत्याशित रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. रियाद से टेलीविजन पर प्रसारित हुए एक संबोधन में हरीरी ने कहा कि उन्हें अपनी हत्या की साजिश रचे जाने का अंदेशा है.
पीएम को कथित तौर पर बंधक बनाने के मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बयान देते हुए कहा, कि “पीएम को रियाद में इस तरह से नजरबंद करना लेबनान की संप्रभुता पर हमला है. हम उन्हें बेरूत वापस लाने के लिए अन्य देशों का साथ लेंगे.”
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खबरों के मुताबिक, हरीरी के एक करीबी का कहना है कि सऊदी अरब ने पीएम को पीछे हटने के लिए कहा था, जिसके बाद उन्हें नजरबंद कर दिया गया.
साद अल-हरीरी के रहस्यमय तरीके से गायब होने पर हिज्बुल्लाह से जुड़े हुए हसन नसरल्लाह ने देश भर के नागरिकों से अमन और चैन बनाए रखने की अपील की है.
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हालांकि, लेबनान के आरोपों का सऊदी अरब ने खंडन किया है. सऊदी के मुताबिक, हरीरी ने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि हिजब्बुलाह ने लेबनान की राजनीतिक व्यवस्था को हाईजैक कर लिया था. वहीं सऊदी ने लेबनान में रह रहे अपने नागरिकों को तुरंत वापिस लौटने के निर्देश जारी किए थे. उसने नागरिकों के जीवन पर लेबनान में खतरा होने की बात कही है. उसकी चेतावनी दिए जाने के एक दिन बाद ही लेबनान में सऊदी अरब के नागरिक का अपहरण किए जाने का मामला सामने आया है. मामले में सऊदी अरब दूतावास ने दूतावास ने पुष्टि की है कि उन्होंने अगवा किए गए नागरिक की बिना किसी शर्त और जल्द से जल्द रिहाई में सहयोग के लिए लेबनान के सुरक्षा प्रशासन से संपर्क साधा है.