मालदीव की एक अदालत ने जेल में बंद पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम को रविवार को जमानत दे दी. हफ्ताभर पहले ही राष्ट्रपति चुनाव में उनके सौतेले भाई और उनसे अनबन रखने वाले अब्दुल्ला यामीन हार गये थे.
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कोलंबो: मालदीव की एक अदालत ने जेल में बंद पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम को रविवार को जमानत दे दी. हफ्ताभर पहले ही राष्ट्रपति चुनाव में उनके सौतेले भाई और उनसे अनबन रखने वाले अब्दुल्ला यामीन हार गये थे. गयूम (80) और उनके पुत्र निर्वाचित प्रतिनिधि फेरिस मौमून को उच्च न्यायालय ने जमानत पर रिहा कर दिया. उन्होंने विवादास्पद तरीके से दोषी ठहराये जाने के विरुद्ध नयी अर्जी लगायी थी. गयूम का सबसे लंबे समय तक मालदीव पर शासन रहा था. उनकी रिहाई से पहले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने गयूम की पार्टी के नेताओं समेत सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की अपील की थी.
सोलिह ने 23 सितंबर के राष्ट्रपति चुनाव में जबर्दस्ती जीत हासिल की थी. गयूम ने 340,000 सुन्नी मुसलमानों वाले मालदीव में लगातार 30 सालों तक शासन किया था. वह 2008 में देश के पहले बहुदलीय चुनाव में हारने के बाद सत्ता से हटे थे. उन्होंने 2013 के चुनाव में अपने सौतेले भाई यामीन को जीतने में मदद की थी लेकिन बाद में दोनों भाइयों में बड़ी अनबन हो गयी.
गयमू को देश के प्रधान न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय के एक अन्य न्यायाधीश के साथ यामीन की सरकार को गिराने के प्रयास के आरोप में इस साल फरवरी में गिरफ्तार कर लिया गया था. देश के ये बड़े नेता न्याय की राह में रोड़ा अटकाने के लिए19 महीने की कैद की सजा काट रहे थे. उस पर आतंकवाद के आरोप में भी सुनवाई चल रही है. मालदीव के एक अन्य बागी नेता कासिम इब्राहिम को भी जमानत मिली है .
यामीन ने अपनी हार के शीघ्र बाद पांच अन्य राजनीतिक बंदियों को रिहा किया था लेकिन अपने भाई की रिहाई में देरी कर रहे थे क्योंकि वह उनकी पीपीएम पार्टी के नेतृत्व पर दावा कर सकते थे. यामीन ने उथल-पुथल के पांच साल के अपने शासन के दौरान करीब करीब अपने सभी विरोधियों को या तो सलाखों के पीछे डाल दिया था या निर्वासित कर दिया था. यामीन का शासन 17 नवंबर को समाप्त हो जाएगा और सोलिह नये राष्ट्रपति के रुप में शपथ लेंगे.