वैज्ञानिकों की बड़ी खोज का दावा, ढूंढ निकाले ऐसे ग्रह जहां पृथ्वी की तरह है ढेर सारा पानी
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वैज्ञानिकों की बड़ी खोज का दावा, ढूंढ निकाले ऐसे ग्रह जहां पृथ्वी की तरह है ढेर सारा पानी

खगोल वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पृथ्वी के अलावा सौरमंडल के बाहर दूसरे ग्रहों (एक्सोप्लेनेट) पर भी पानी के इसके प्रमुख घटक होने की संभावना है.

वैज्ञानिकों की बड़ी खोज का दावा, ढूंढ निकाले ऐसे ग्रह जहां पृथ्वी की तरह है ढेर सारा पानी

वाशिंगटन: वर्षों से खगोल वैज्ञानिक यह पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर ब्रह्मांड में दूसरी धरती है क्या? इस संदर्भ में वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में कई अंतरिक्ष यान भी भेज चुके हैं. इस बार वैज्ञानिकों ने बड़ी सफलता मिलने का दावा किया है. खगोल वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पृथ्वी के अलावा सौरमंडल के बाहर दूसरे ग्रहों (एक्सोप्लेनेट) पर भी पानी के इसके प्रमुख घटक होने की संभावना है. ये ग्रह पृथ्वी के आकार से दो से चार गुना बड़े हैं. ऐसा एक नए शोध में सामने आया है. इसका संबंध हमारे आकाशगंगा में जीवन से जुड़े खोज से हो सकता है.

एक्सोप्लेनेट में पूर्व में भी पानी की मौजूदगी की बात सामने आती रही है, लेकिन इस शोध के जरिए यह निष्कर्ष निकाला गया है कि हमारे सौर मंडल से बाहर जल वाले ग्रह होना सामान्य है. इस शोध को गोल्डस्मिट सम्मेलन में बोस्टन, मेसाचुसेट्स में प्रस्तुत किया गया.

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नया शोध एक्सोप्लेनेट केपलर स्पेस टेलीस्कोप व गेइया मिशन के डाटा पर आधारित है. इसमें संकेत मिलता है कि बहुत से ज्ञात ग्रहों पर 50 फीसदी तक पानी हो सकता है, जो कि पृथ्वी के जल की मात्रा से 0.02 फीसदी (वजन से) से ज्यादा हो सकता है. हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता ली जेंग ने कहा, "यह हैरान करने वाली बात है कि वहां इतना सारा पानी है." वैज्ञानिकों ने पाया है अब तक 4,000 एक्सोप्लेनेट खोजे गए हैं.

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इस शोध के लिए, वैज्ञानिकों ने गेइया उपग्रह से एक्सोप्लेनेट के मॉस मापन व हाल के त्रिज्या मापन का विश्लेषण करने के बाद एक्सोप्लानेट्स की आंतरिक संरचनाओं के लिए एक मॉडल विकसित किया.

मालूम हो कि पृथ्वी के उपग्रह चंद्रमा और मंगल पर भेजे गए यान के जरिए वहां की मिट्टी का अध्ययन किया गया है, जिसमें पाया गया है कि वहां पानी और हवा नहीं है. इस वजह से वहां जीवन संभव नहीं है. अब वैज्ञानिकों ने एक बार फिर से दूसरे ग्रहों पर जल होने का दावा किया है.

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