जी20 समिट: ब्रिक्स नेताओं की बैठक, मोदी ने खाड़ी मुल्क और कोरियाई प्रायद्वीप के हालात पर जताई चिंता
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जी20 समिट: ब्रिक्स नेताओं की बैठक, मोदी ने खाड़ी मुल्क और कोरियाई प्रायद्वीप के हालात पर जताई चिंता

जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के इतर चीनी राष्ट्रपति शीन चिनफिंग की मेजबानी में हुई ब्रिक्स नेताओं की एक अनौपचारिक बैठक में मोदी ने कहा कि वैश्विक राजनीति में उतार-चढ़ाव और सुरक्षा हालात बिगड़ने से सभी प्रभावित हो रहे हैं.

जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर ब्रिक्स नेताओं की एक अनौपचारिक बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी. (फोटो : पीएमओ इंडिया/ट्विटर)

हैम्बर्ग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (7 जुलाई) को कहा कि खाड़ी क्षेत्र, पश्चिम एशिया और कोरियाई प्रायद्वीप में भू-राजनीतिक हालात चिंता के विषय हैं. उन्होंने ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका) देशों से वैश्विक मंच पर स्थिरता, सुधार, प्रगति एवं सुशासन की आवाज बनने की अपील भी की. जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के इतर चीनी राष्ट्रपति शीन चिनफिंग की मेजबानी में हुई ब्रिक्स नेताओं की एक अनौपचारिक बैठक में मोदी ने कहा कि वैश्विक राजनीति में उतार-चढ़ाव और सुरक्षा हालात बिगड़ने से सभी प्रभावित हो रहे हैं.

ब्रिक्स देशों के राष्ट्रपतियों - मिचेल टेमर (ब्राजील), व्लादिमिर पुतिन (रूस), शी चिनफिंग (चीन) और जैकब जुमा (दक्षिण अफ्रीका) - से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'ब्रिक्स को वैश्विक मंच पर स्थिरता, सुधार, प्रगति एवं सुशासन की आवाज बननी होगी.' मोदी ने कहा कि आतंकवाद का फैलाव एशिया एवं यूरोप के समाजों के लिए खतरा है. उन्होंने युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में आतंकवाद के बढ़ते प्रभाव पर भी चिंता जाहिर की.

इज़रायल एवं फलस्तीन के बीच संघर्ष, आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई और सीरिया, लीबिया एवं यमन में गृह युद्धों से पूरा पश्चिम एशियाई क्षेत्र अशांत है. संघर्ष के कारण इराक और सीरिया में लाखों लोग अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं. खाड़ी क्षेत्र में सउदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र ने कतर से वायु, समुद्र एवं जमीनी संपर्क तोड़ लिया है, जिससे क्षेत्र में राजनयिक संकट पैदा हो गया है. खाड़ी क्षेत्र में लाखों भारतीय काम करते हैं .

सउदी अरब और उसके सहयोगियों ने कतर पर आतंकवाद का समर्थन करने और ईरान से करीबी रिश्ते रखने के आरोप लगाए हैं. इस संकट से क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है. प्रधानमंत्री मोदी ने कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है.

मोदी ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब अमेरिका ने उत्तर कोरिया को चेतावनी दी है कि वह प्योंगयांग की ओर से धड़ल्ले से किए जा रहे मिसाइल परीक्षणों के जवाब में सैन्य बल का प्रयोग करेगा. अमेरिका ने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का 'साथ देने' के लिए चीन और रूस को भी आड़े हाथ लिया है.

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