शरीफ ने चीफ जस्टिस पर लगाए आरोप, कहा- मेरे खिलाफ जल्दबाजी में हुई सुनवाई
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शरीफ ने चीफ जस्टिस पर लगाए आरोप, कहा- मेरे खिलाफ जल्दबाजी में हुई सुनवाई

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 11 जून(सोमवार) को देश के प्रधान न्यायाधीश मियां साकिब निसार पर उनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के तीन मामलों में सुनवाई में जल्दबाजी करने का आरोप लगाया 

शरीफ ने दावा किया कि उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है.(फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 11 जून(सोमवार) को देश के प्रधान न्यायाधीश मियां साकिब निसार पर उनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के तीन मामलों में सुनवाई में जल्दबाजी करने का आरोप लगाया और इसे ‘‘दमन और अन्याय’’ का ‘‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’’ उदाहरण करार दिया. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 68 साल के शरीफ को अयोग्य ठहराते हुए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने को मजबूर किया था. शरीफ ने पनामा पेपर्स मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताकर खारिज किया.

शरीफ ने दावा किया कि उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है क्योंकि कोई वकील ऐसे मामले में पैरवी नहीं करेगा जहां उसे मामला तैयार करने के लिए समय नहीं मिले और उससे सप्ताहांत पर पेश होने के लिए कहा जाए. शरीफ उनके वकील ख्वाजा हैरिस का जिक्र कर रहे थे जो 11 जून(सोमवार) को उनका प्रतिनिधित्व करने में नाकाम रहे क्योंकि हैरिस ने कहा कि वह न तो दबाव में काम कर सकते और ना ही जवाबदेही अदालत की मांग के अनुसार सप्ताहांत पर पेश हो सकते. ‘डान’ अखबार ने शरीफ के हवाले से कहा, ‘‘क्या प्रधान न्यायाधीश (मियां साकिब निसार) नहीं जानते कि न्याय में जल्दबाजी न्याय को कुचलने के समान है?’’ 

पाक SC का बड़ा फैसला- भ्रष्टाचार मामले में शरीफ के खिलाफ 1 माह में सुनवाई हो पूरी
पाकिस्तान के सुप्रीमकोर्ट ने रविवार(10 जून) को एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत को अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ कार्यवाही को एक माह के भीतर समाप्त करने का निर्देश दिया. पिछले साल जुलाई में उच्चतम न्यायालय द्वारा अयोग्य ठहराये जाने के बाद 68 वर्षीय शरीफ और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ तीन मुकदमे शुरू किये गए थे. अदालत ने मामलों की सुनवाई पूरी करने के लिए छह माह की समयसीमा तय की थी. इस मियाद को बाद में इस साल मार्च में दो महीने के लिए और मई में एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया था.

अदालत द्वारा तय आखिरी समयसीमा भी कल पूरी हो गई. इसके बाद इस्लामाबाद की एक जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने सुनवाई पूरी करने के लिए और समय देने का आग्रह किया था. शरीफ के वकील ख्वाजा हैरिस ने मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए छह सप्ताह देने का आग्रह किया था लेकिन पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश मियां साकिब निसार ने उनकी इस अर्जी को खारिज करते हुए एक माह के भीतर इस मामले में फैसला सुनाने का निर्देश दिया.  

नवाज शरीफ की गद्दी गई, पढ़िए क्‍या है 'पनामा पेपर लीक मामला'?
पनामा पेपर लीक मामले में पाकिस्‍तान की सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दोषी पाया है. पाकिस्‍तान की सर्वोच्‍च अदालत ने नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्‍य करार दिया है. नवाज शरीफ पर अब आपराधिक मामला चलेगा. शरीफ के परिवार के विदेश में संपत्ति अर्जित करने के आरोपों की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जेआईटी का गठन किया था. जेआईटी ने 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी थी. आगे पढ़िए आखिर क्‍या है पनामा पेपर लीक मामला और नवाज शरीफ के परिवार पर लगे आरोपों के बारे में.

यह है पूरा मामला
पनामा पेपर्स के नाम से लीक हुए दस्तावेजों को सामने लाने में मुख्य भूमिका अमेरिका स्थित एक एनजीओ खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय महासंघ (ICIJ) की है. आईसीआईजे ने दस्तावेजों की गहरी छानबीन की. आईसीआईजे को किसी अज्ञात सूत्र ने इन दस्‍तावेजों को उपलब्‍ध कराया था. जांच में नवाज शरीफ के अलावा कई फिल्मी और खेल जगत की हस्तियों समेत करीब 140 लोगों की संपत्ति का भी खुलासा हुआ था. भारत से भी कुछ लोगों के नामों का जिक्र पनामा पेपर्स में किया गया था. 

इनपुट भाषा से भी 

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