नेपाल में राजनीतिक दलों के बीच संविधान पर समझौता हुआ
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नेपाल में राजनीतिक दलों के बीच संविधान पर समझौता हुआ

नेपाल के राजनीतिक दलों ने संविधान का मसौदा तैयार करने के विवादित मुद्दों को लेकर लंबे से चले आ रहे गतिरोध को खत्म करते हुए 16 सूत्री समझौते को मूर्त रूप दे दिया है। इसके मुताबिक नेपाल में संसदीय प्रणाली और आठ प्रांत होंगे।

नेपाल में राजनीतिक दलों के बीच संविधान पर समझौता हुआ

काठमांडू : नेपाल के राजनीतिक दलों ने संविधान का मसौदा तैयार करने के विवादित मुद्दों को लेकर लंबे से चले आ रहे गतिरोध को खत्म करते हुए 16 सूत्री समझौते को मूर्त रूप दे दिया है। इसके मुताबिक नेपाल में संसदीय प्रणाली और आठ प्रांत होंगे।

नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-यूएमएल, यूसीपीएन (माओवादी) और मधेसी पीपुल्स राइट फोरम-डेमोक्रेटिक (एफपीआरएफ-डी) ने देश में आठ प्रांतों वाली संघीय व्यवस्था, शासन के लिए संसदीय प्रणाली, संयुक्त निर्वाचन मॉडल तथा 10 साल के लिए एक संवैधानिक अदालत का प्रावधान शामिल करने वाले समझौते पर सहमति जताई है।

नेपाली कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के अनुसार बीती रात राजनीतिक दलों के बीच समझौता हुआ जिसका मकसद अगले कुछ महीनों में संविधान तैयार करना है।

यहां की 601 सदस्यीय संविधान सभा में करीब 490 सीटों के प्रतिनिधित्व वाली इन चार प्रमुख पार्टियों ने राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी (आरपीपी), सीपीएन (एमएल) जैसी पार्टियों का समर्थन हासिल किया है।

यह समझौता ऐतिहासिक है क्योंकि इससे नेपाल में नया संविधान तैयार करने का मार्ग प्रशस्त होगा। समझौते में कहा गया है, ‘नेपाल की सरकार एक संघीय आयोग का गठन करेगी और उसे प्रांतों के सीमांकन का काम सौंपा जाएगा।’

इसमें कहा गया, ‘आयोग से रिपोर्ट मिलने के बाद संसद प्रांतों के सीमांकन को लेकर दो तिहाई बहुमत से फैसला करेगी।’ नेपाल में दो सदनों वाली संसद होगी। निचला सदन 275 सदस्यीय और उपरी सदन 45 सदस्यीय होगा।

इस 16 सूत्री समझौते में कहा गया है कि निचले सदन के 275 सदस्यों में 165 का चुनाव सीधे मतदान के जरिए होगा तथा दूसरे 110 सदस्यों का चुनाव समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर होगा।

इसका मतलब यह हुआ कि निचले सदन में 60 फीसदी सदस्यों को सीधे जनता निर्वाचित करेगी और 40 फीसदी सदस्यों का चुनाव परोक्ष रूप से समानुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर होगा।

संसद के ऊपरी सदन में 40 सदस्यों का चुनाव सभी प्रांतों से होगा, जबकि पांच सदस्यो को संघीय कैबिनेट नामित करेगी। नेपाली राजनीतिक दलों के बीच समझौते में कहा गया है कि शासन की संसदीय प्रणाली होगी जिसमें राष्ट्रपति रस्मी तौर पर राष्ट्राध्यक्ष होगा तथा प्रधानमंत्री कार्यकारी के तौर पर शासन प्रमुख होगा।

यहां के राजनीतिक दलों के बीच संविधान को लेकर यह समझौता हाल ही में आए विनाशकारी भूकंप के बाद हुआ है। इस भूकंप में करीब 9,000 लोग मारे गए थे।

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