मिस्र में भारत मनाएगा रविन्द्रनाथ टैगोर की 155वीं वर्षगांठ
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मिस्र में भारत मनाएगा रविन्द्रनाथ टैगोर की 155वीं वर्षगांठ

रविन्द्रनाथ टैगोर की 155वीं वषर्गांठ के अवसर पर भारत अगले महीने मिस्त्र में एक सांस्कृतिक समारोह आयोजित करेगा। मिस्र में भारत के राजदूत संजय भट्टाचार्य ने बताया कि काहिरा में भारतीय दूतावास और मौलाना आजाद भारतीय संस्कृति केन्द्र 8 से 12 मई तक टैगोर महोत्सव की मेजबानी करेंगे। भट्टाचार्य ने कहा, ‘भारत और मिस्र के बीच संपर्क बनाने के अपने प्रयास के तहत हम खास तौर पर संस्कृति के क्षेत्र में मजबूत रिश्ता पाते हैं और दोनों देशों के आवाम के बीच गहरा प्यार है।’ उन्होंने कहा, ‘टैगोर की कृतियां यहां मिस्र में बेहद लोकप्रिय हैं। और मैं समझता हूं कि अकेले गीतांजलि के तकरीबन एक दर्जन तजरुमा हैं। और बेशक, ढेर सारी दीगर किताबें हैं जिनका अरबी में तजरुमा किया गया है।’ 

मिस्र में भारत मनाएगा रविन्द्रनाथ टैगोर की 155वीं वर्षगांठ

काहिरा: रविन्द्रनाथ टैगोर की 155वीं वषर्गांठ के अवसर पर भारत अगले महीने मिस्त्र में एक सांस्कृतिक समारोह आयोजित करेगा। मिस्र में भारत के राजदूत संजय भट्टाचार्य ने बताया कि काहिरा में भारतीय दूतावास और मौलाना आजाद भारतीय संस्कृति केन्द्र 8 से 12 मई तक टैगोर महोत्सव की मेजबानी करेंगे। भट्टाचार्य ने कहा, ‘भारत और मिस्र के बीच संपर्क बनाने के अपने प्रयास के तहत हम खास तौर पर संस्कृति के क्षेत्र में मजबूत रिश्ता पाते हैं और दोनों देशों के आवाम के बीच गहरा प्यार है।’ उन्होंने कहा, ‘टैगोर की कृतियां यहां मिस्र में बेहद लोकप्रिय हैं। और मैं समझता हूं कि अकेले गीतांजलि के तकरीबन एक दर्जन तजरुमा हैं। और बेशक, ढेर सारी दीगर किताबें हैं जिनका अरबी में तजरुमा किया गया है।’ 

टैगोर ने किशोरावस्था में 1878 में मिस्र की यात्रा की थी। बाद में, कवि-दार्शनिक के रूप में उन्होंने मिस्र की यात्रा की थी। तब उन्होंने शाह फव्वाद से मुलाकात की थी और इस्कंद्रिया और काहिरा में विद्वानों से मुलाकात की थी। मिस्री शायर अहमद शौकी के साथ टैगोर की दोस्ती मशहूर है और 1932 में शौकी के निधन पर उन्होंने उनकी प्रशस्ति में लिखा था। उन्होंने नील नदी और मिस्री स5यता के बीच के रिश्तों पर लिखा।

भट्टाचार्य ने कहा कि टैगार और मिस्री लेखकों एवं बुद्धिजीवियों का लंबा रिश्ता रहा है और ‘‘हम एजिप्श्यिन कैरीकेचर सोसाइटी के साथ सहयोग करते हुए एक पेंटिंग प्रदर्शनी कर रहे हैं जिसमें टैगोर के नए पहलुओं पर निगाह डाली गई है।’ सोसाइटी ने टैगोर पर दुनिया भर से पोर्ट्रेट इकटठा किया है। इन्हें 8 मई से महोत्सव के समापन तक प्रदर्शित किया जाएगा।

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