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वाशिंगटन : अमेरिका के एक शीर्ष विशेषज्ञ ने कहा है कि पाकिस्तान के हाथों में परमाणु हथियार होने से क्षेत्र में घातक अस्थिरता का खतरा है और यह इस्लामाबाद को भारत के खिलाफ पारंपरिक युद्धों के लिए एक लाइसेंस प्रदान करते हैं।
विदेश नीति से संबंधित थिंक टैंक ‘कार्नेजी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस’ के एश्ले टेलिस ने कहा, 'दुर्भाग्य से पाकिस्तानी हाथों में परमाणु हथियारों के होने से व्यापक और घातक अस्थिरता का खतरा है। उन्होंने पाकिस्तान को विवादित जम्मू कश्मीर राज्य को बल के जरिए हासिल करने के इसके उद्देश्यों पर चलने में सक्षम बनाया है या खास तौर पर, विवादित क्षेत्रों पर भारतीय नियंत्रण को कमजोर करने की उम्मीद के साथ भारत के खिलाफ राज्य प्रायोजित आतंकवाद का इस्तेमाल कर।'
साइफर ब्रीफ को दिए साक्षात्कार में टेलिस ने कहा कि यह तिकड़म इस अनुमान पर आधारित है कि भारत परमाणु विध्वंस के डर से पाकिस्तान के खिलाफ पारंपरिक रूप से जवाबी कार्रवाई करने में अक्षम होगा। टेलिस ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का इरादा न सिर्फ भारतीय हमलों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता उपलब्ध कराने का है, बल्कि अधिक महत्वाकांक्षी रूप से भारत के खिलाफ युद्धों के लिए लाइसेंस प्रदान करना भी है।'
उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान के रणनीतिक उद्देश्य भारत की तरह संयमित होते तो दक्षिण एशिया की प्रतिरोधक क्षमता इतनी अस्थिर न होती। यह परिदृश्य यह इंगित करता है कि परमाणु प्रतिरोधकता पर भारत का रुख अमेरिका के करीब है। दोनों देश अपने परमाणु हथियारों को प्राथमिक तौर पर अन्य द्वारा परमाणु हमला किए जाने की स्थिति में प्रतिरोधक क्षमता के रूप में देखते हैं।