पंजाब सरकार ने आतंकवाद रोधी कानून 1997 के तहत 31 जनवरी को सईद और उसके चार सहयोगियों को हिरासत में लिया था जो बाद में बढ़ा दिया गया.
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लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार द्वारा जनवरी से मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद के साथ ऐहतियाती हिरासत में लिये गये उसके चार सहयोगी रिहा हो गये. अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी काशिफ हुसैन को रिहा किया गया क्योंकि न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने उनकी हिरासत बढ़ाने से इंकार कर दिया. पंजाब सरकार ने आतंकवाद रोधी कानून 1997 के तहत 31 जनवरी को सईद और उसके चार सहयोगियों को हिरासत में लिया था जो बाद में बढ़ा दिया गया. हालांकि पिछले दो बार उनकी हिरासत की अवधि लोक सुरक्षा कानून के तहत बढ़ाई गई. गृह विभाग इन चारों की हिरासत और बढ़ाने को लेकर बोर्ड को राजी नहीं कर पाया.
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वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी प्राधिकारियों ने पंजाब के गृह विभाग को पत्र लिखकर मुम्बई आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता हाफिज सईद की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने के लिए कहा है और दावा किया है कि ‘एक विदेशी गुप्तचर एजेंसी’ ने उसकी हत्या की योजना बनायी है. राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण ने पत्र में कहा है कि एक विदेशी गुप्तचर एजेंसी ने सईद की हत्या के लिए एक प्रतिबंधित संगठन के दो सदस्यों को आठ करोड़ रुपये का भुगतान किया है.
इसमें पंजाब के गृह विभाग से कहा गया है कि वह जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद की पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित करे. सईद आतंकवाद निरोधक कानून, 1997 के तहत 30 जनवरी से लाहौर में घर में नजरबंद है. गृह विभाग ने पिछले महीने उसकी नजरबंदी जनसुरक्षा कानून के तहत और 30 दिन (26 नवम्बर तक) के लिए बढ़ा दी थी.
विभाग की अधिसूचना में कहा गया है, ‘ऐसी आशंका है कि सईद रिहा होने पर कानून एवं व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है.’ जून 2014 में अमेरिका ने जमात उद दावा को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था. अमेरिका ने आतंकवादी गतिविधियों में भूमिका के लिए जमात उद दावा प्रमुख सईद पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया है.