पाकिस्तान को लगा तगड़ा झटका, एफएटीएफ ने 'ग्रे लिस्ट' में डाला नाम
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पाकिस्तान को लगा तगड़ा झटका, एफएटीएफ ने 'ग्रे लिस्ट' में डाला नाम

पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों की फंडिंग रोक पाने में विफल रहने के कारण फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने उसे निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में डाल दिया है. 

हालिया महीनों में पाकिस्तान ऐसे देशों की सूची में शामिल होने से बचने की पूरी कोशिश करता रहा है.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों की फंडिंग रोक पाने में विफल रहने के कारण फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने उसे निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में डाल दिया है. एफएटीएफ वैश्विक आंतकी संगठनों पर वित्तीय प्रतिबंध लगाने के लिए प्रहरी के रूप में काम करने वाला संगठन है. पाकिस्तान की तरफ से इस्लामाबाद की तरफ से अपना पक्ष रखने के लिए अंतरिम वित्त मंत्री शमशाद अख्तर को पेरिस में चल रही एफएटीएफ की बैठक में भेजा गया था. पाकिस्तान के खिलाफ ये फैसला संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की फंडिंग के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करने को लेकर लिया गया है.

 एफएटीएफ एक अंतर- सरकारी निकाय है 
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठनों को होने वाली फंडिंग पर करारी चोट करने के लिए वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) को 26 सूत्री विस्तृत कार्य योजना सौंपी थी ताकि पाकिस्तान खुद को एफएटीएफ द्वारा काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाले जाने से बच सके. जिन आतंकवादी संगठनों की फंडिंग पर चोट करने की योजना है उनमें मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की अगुवाई वाला जमात-उद-दावा और उसके कई सहयोगी संगठन भी शामिल हैं. एफएटीएफ एक अंतर- सरकारी निकाय है जिसका गठन धनशोधन , आतंकवादियों के वित्तपोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था को किसी तरह के अन्य खतरे से मुकाबले के लिए किया गया था. 

इसकी स्थापना 1989 में हुई थी
इसकी स्थापना 1989 में हुई थी. पाकिस्तान अभी एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में है. हालिया महीनों में पाकिस्तान ऐसे देशों की सूची में शामिल होने से बचने की पूरी कोशिश करता रहा है जिन्हें एफएटीएफ धनशोधन-निरोधक नियमों और आतंकवादी वित्तपोषण नियमन का पालन नहीं करने वाला मानता है. स्थानीय अधिकारियों को आशंका थी कि यदि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को काली सूची में डाल दिया तो उससे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है, जो पहले से ही बुरी स्थिति में है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर में कहा गया कि पेरिस में आयोजित एफएटीएफ के अधिवेशन में पाकिस्तान की 26 सूत्री कार्य योजना पर चर्चा शुरू हुई. 

 26 कार्रवाइयों को विस्तृत रूप में प्रकाशित किया गया है
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से अखबार ने कहा कि पाकिस्तान की योजना है कि आईएसआईएस, अल-कायदा, जमात-उद-दावा और इसके सहयोगी संगठन फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन और लश्कर-ए-तैयबा, जैश- ए- मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और तालिबान से जुड़े लोगों की फंडिंग पर करारी चोट की जाए. ऐसा पहली बार है कि सभी 26 कार्रवाइयों को विस्तृत रूप में प्रकाशित किया गया है. 

इनपुट भाषा से भी 

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