पिछले दो महीनों में इमरान खान का यूएई का यह दूसरा दौरा है.
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दुबई: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान रविवार को एक दिवसीय दौरे पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुंचे जहां वह संभवत: आर्थिक मदद हासिल करने की कोशिश करेंगे जिससे कर्ज में डूबे पाकिस्तान की आईएमएफ के सहायता पैकेज पर निर्भरता कम की जा सके. पिछले दो महीनों में खान का यूएई का यह दूसरा दौरा है. उन्होंने प्रेसिडेंशियल पैलेस में अबुधाबी के वली अहद युवराज और यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद से मुलाकात की. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक उनके साथ विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और वित्त मंत्री असद उमर समेत अन्य अधिकारी हैं.
अखबार ने कहा, ‘‘इस दौरे का उद्देश्य मदद के तौर पर अरबों डॉलर हासिल करना है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) राजकोषीय और मौद्रिक मोर्चे पर पाकिस्तान को लेकर सख्त रूख अपनाए हुए है.’’अखबार ने एक कैबिनेट मंत्री को उद्धृत करते हुए कहा कि दोनों पक्ष आर्थिक सहायता पैकेज के लिये एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. वित्त मंत्री उमर ने आईएमएफ की शर्तों और प्रधानमंत्री के यूएई दौरे के बीच किसी तरह के संबंध से इनकार किया है.
पाकिस्तान ने अपने इस पुराने दोस्त को दिया झटका, इस बड़ी परियोजना पर लिया यू-टर्न
महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गालियारे (सीपीईसी) में सऊदी अरब के तीसरे रणनीतिक भागीदार होने की घोषणा के कुछ ही दिन बाद पाकिस्तान ने यू-टर्न लेते हुए कहा है कि सऊदी अरब अब इसका हिस्सा नहीं होगा.सीपीईसी चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है. चीन इसके तहत विभिन्न ढांचागत संरचना परियोजनाओं का वित्तपोषण कर विश्व में अपना दबदबा बनाना चाहता है. पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के अनुसार, वहां के योजना एवं विकास मंत्री खुसरो बख्तियार ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि सऊदी अरब का प्रस्तावित निवेश एक अलग द्विपक्षीय संधि के तहत होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘सऊदी अरब सीपीईसी में रणनीतिक भागीदार नहीं बनेगा. ऐसी धारणा सत्य नहीं हैं.’’ बख्तियार ने कहा कि कोई भी तीसरा देश इसमें सिर्फ तभी भागीदार हो सकता है जब वह परियोजना से बाहर के निवेश व कारोबार का हिस्सा बने.
इनपुट भाषा से भी