पाकिस्तान: याचिकाकर्ता की मांग- इमरान खान अयोग्य हैं, उन्हें पद से हटा दीजिए
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पाकिस्तान: याचिकाकर्ता की मांग- इमरान खान अयोग्य हैं, उन्हें पद से हटा दीजिए

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें प्रधानमंत्री इमरान खान को संविधान के अनुसार न्यायसंगत और ईमानदार नहीं होने को लेकर अयोग्य करार देने की मांग की गई थी. 

यह याचिका पिछले साल मई में दायर की गई थी.(फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें प्रधानमंत्री इमरान खान को संविधान के अनुसार न्यायसंगत और ईमानदार नहीं होने को लेकर अयोग्य करार देने की मांग की गई थी. प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने बैरिस्टर दानयाल चौधरी द्वारा दायर याचिका इस आधार पर खारिज कर दी कि यह उस वक्त दायर की गई थी, जब खान प्रधानमंत्री नहीं थे और अब यह याचिका महत्वहीन हो गई है. न्यायमूर्ति एजाजुल अहसन ने कहा, ‘‘अर्जी महत्वहीन हो चुकी है.’’

यह याचिका पिछले साल मई में दायर की गई थी, जब शीर्ष अदालत ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया था. अन्य आधारों के अलावा, याचिकाकर्ता ने खान को इस आधार पर अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया था कि उन्होंने चुनावों के लिए अपने नामांकन पत्र में अपने कथित बच्चे टिरियन व्हाइट का जिक्र नहीं किया था. 

PAK: चुनाव में 'धांधली'' के आरोपों की जांच करेगी संसदीय समिति, सरकार-विपक्ष दोनों सहमत
आपको बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान सरकार और विपक्ष मंगलवार को इस बात पर सहमत हो गए कि 25 जुलाई को हुए आम चुनावों में मतों से कथित छेड़छाड़ की गतिविधियों की जांच संसदीय समिति से कराई जाए. इन चुनावों में इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया था कि विभिन्न मतदान केंद्रों पर डाले गए मतों को पोलिंग एजेंटों को बाहर निकाले जाने के बाद बदला गया था.

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने इन दावों को खारिज किया है. एक्सप्रेस न्यूज की खबर के मुताबिक नेशनल असेंबली या निचले सदन ने मंगलवार को संसदीय समिति के गठन को मंजूरी दे दी जो 25 जुलाई को हुए आम चुनावों में कथित तौर पर हुई गड़बड़ियों की जांच करेगा. कहा जाता है कि खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को सेना का मूक समर्थन हासिल था और उसने 25 जुलाई को हुए चुनावों में सबसे ज्यादा 116 सीटें हासिल की थी.

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