ऐतिहासिक पेरिस मार्च में शामिल हुए लाखों लोग, विश्व नेताओं ने किया रैली का नेतृत्व
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ऐतिहासिक पेरिस मार्च में शामिल हुए लाखों लोग, विश्व नेताओं ने किया रैली का नेतृत्व

आतंकवाद के खिलाफ ऐतिहासिक रूप से नाराजगी और एकजुटता दिखाने के लिए पेरिस की सड़कों पर रविवार को भारी भीड़ जुटी और रैली के 10 लाख से अधिक लोग और दर्जनों अंतरराष्ट्रीय नेताओं के शामिल होने की संभावना है।

ऐतिहासिक पेरिस मार्च में शामिल हुए लाखों लोग, विश्व नेताओं ने किया रैली का नेतृत्व

पेरिस : आतंकवाद के खिलाफ ऐतिहासिक रूप से नाराजगी और एकजुटता दिखाने के लिए पेरिस की सड़कों पर रविवार को भारी भीड़ जुटी। रैली में करीब 10 लाख लोग शामिल हुए। आतंकवाद के खिलाफ ऐतिहासिक रूप से नाराजगी और एकजुटता जाहिर करने के लिए 40 से अधिक विश्व नेताओं ने रैली का नेतृत्व किया।

‘सिटी आफ लाइट’ में भावनाओं का ज्वार उमड़ा और अलग अलग क्षेत्रों के कई लोगों के आंखों में आसूं झलक उठे और वे ‘‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’’ के बैनर तले एकसाथ आए।

नेता फ्रांस की राजधानी में हजारों लोगों का नेतृत्व कर रहे थे जो एक व्यंग्य पत्रिका के दफ्तर, कोशेर सुपरमार्केट और पुलिस पर बंदूकधारियों के हमले के बाद एकत्र हुए थे। रैली में नेताओं के शामिल होने की हर ओर प्रशंसा हुई। कड़ी सुरक्षा के बीच निकाली गई इस रैली में विविधता में एकजुटता नजर आई।

आतंकी हमलों में मारे गए लोगों के परिजन विश्व नेताओं के साथ रैली में सबसे आगे थे। रैली में फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद, रूस और यूक्रेन के शीर्ष प्रतिनिधि, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास भी शामिल हुए।

रैली में भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा और अलग-अलग क्षेत्रों के कई लोगों के आंखों में आंसू गए। ये सभी लोग ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के बैनर तले एक साथ आए। एकजुटता के अभूतपूर्व प्रदर्शन में, इस्राइल और फलस्तीनी प्राधिकरण के नेता तीन दिन के खूनखराबे के 17 पीड़ितों के सम्मान में आयोजित रैली में शामिल हुए। मरने वालों में यहूदी और एक मुस्लिम पुलिस अधिकारी शामिल हैं।

आइवरी कोस्ट की रहने वाली और फ्रांस में जन्मी 34 वर्षीय मुस्लिम महिला लासीना ट्राओर ने मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए ऐतिहासिक स्मारक ‘प्लेस डि ला रिपब्लिक’ के पास 17 मोमबत्ती जलाईं।

एक व्यक्ति ने कहा कि यह मार्च यह दिखाने के लिए है कि फ्रांस कितना मजबूत है। सत्तर वर्षीय जैकलीन साद राउना ने कहा, ‘‘मैं दिखाना चाहती हूं कि हम चरमपंथियों से नहीं डरते। मैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना चाहती हूं।’’

यह रैली पेरिस में तीन दिन हुए आतंकी हमलों में मारे गए 17 लोगों के सम्मान में निकाली गयी।

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