राजाबी मूलत: जर्मनी से हैं. लेकिन अब अमेरिकी नागरिक हैं. वह गो एयर के 290 पायलटों में से एक हैं. भारत में काम करते हुए उन्होंने हिंदी सीखी है.
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नई दिल्ली : फ्लाइट में अगर आप किसी विदेशी कैप्टन को हिंदी में स्वागत करते सुनें तो आपका चौंकना स्वाभाविक है. लेकिन गो एयर की एक फ्लाइट में ऐसा ही हुआ. गो एयर के कैप्टेन बेहजाद राजाबी ने एक उड़ान के दौरान यात्रियों को संबोधित करते हुए कहा, 'इस उड़ान में आपका स्वागत है.' उनके मुंह से हिंदी की लाइनें सुनते ही इसके साथ ही उनकी फ्लाइट के यात्री खुश हो गए.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राजाबी मूलत: जर्मनी से हैं. लेकिन अब अमेरिकी नागरिक हैं. वह गो एयर के 290 पायलटों में से एक हैं. भारत में काम करते हुए उन्होंने हिंदी सीखी है. इसके पीछे वह तर्क देते हैं कि अगर आप विदेशी होकर किसी देश की भाषा को अपनाते हैं, तो वहां के स्थानीय लोग आपको भरपूर इज्जत देते हैं.
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40 वर्षीय राजाबी अब अच्छी हिंदी बोलते हैं. जब वह कहते हैं, मैं इस उड़ान का कैप्टेन राजाबी बोल रहा हूं तो लोग चौंक तो जाते ही हैं, साथ में एक अमेरिकी के मुंह से हिंदी सुनकर खुश भी होते हैं. राजाबी की फ्लाइट में उड़ान भरने वाले एक शख्स ने हाल में अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, जितने पायलट से अब तक मैं मिला, उसमें वह सबसे बेस्ट हैं. एक फिरंगी हिंदी में आपका स्वागत करता है.
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राजाबी गो एयर के साथ साढ़े चार साल से काम कर रहे हैं. एक बार में वह 12 हफ्तों तक उड़ान पर रहते हैं. इसके बाद वह चार सप्ताह के लिए अपने माता पिता के पास अमेरिका चले जाते हैं. राजाबी कहते हैं कि मुझे हिंदी बोलने में कतई शर्म नहीं आती. मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरी ग्रामर सही न होने से मैं इसे किस तरह बोलता हूं. मैं अपने सहयोगियों के साथ कुछ लाइनें हिंदी की बोलने की कोशिश करता हूं.