UN प्रमुख ने CTBT के अनुमोदन के लिए भारत सहित 8 देशों से दोहराई अपनी अपील
Advertisement

UN प्रमुख ने CTBT के अनुमोदन के लिए भारत सहित 8 देशों से दोहराई अपनी अपील

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) के अनुमोदन के लिए भारत और अमेरिका सहित आठ देशों से अपनी अपील दोहराई है. 

सीटीबीटी पर 180 से अधिक देशों ने हस्ताक्षर किये हैं और उनमें से ज्यादातर ने इसका अनुमोदन भी किया है.(फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) के अनुमोदन के लिए भारत और अमेरिका सहित आठ देशों से अपनी अपील दोहराई है. उन्होंने कहा कि इसे लागू करने में नाकामी परमाणु हथियार मुक्त दुनिया बनाने की वैश्विक कोशिशों को कमजोर करेगा. सीटीबीटी पर 180 से अधिक देशों ने हस्ताक्षर किये हैं और उनमें से ज्यादातर ने इसका अनुमोदन भी किया है. लेकिन यह संधि तभी प्रभावी होगी, जब परमाणु प्रौद्योगिकी क्षमता रखने वाले आठ देश - चीन, मिस्र, भारत, ईरान, इस्राइल, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान और अमेरिका - इसका अनुमोदन करेंगे.

संरा महासचिव ने परमाणु परीक्षणों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर बृहस्तपतिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि सीटीबीटी को फौरन प्रभावी करने के लिए अवश्य ही हर कदम उठाया जाना चाहिए. इस पर बातचीत शुरू होने के बाद से 20 साल बीत चुके हैं फिर भी संधि लागू नहीं हो पाई है. 

fallback

उन्होंने कहा कि संधि को लागू करने में नाकाम रहने के चलते इसका क्रियान्वयन रूक गया है. गुतारेस ने कहा कि वह सीटीबीटी को लागू करने के लिए शेष आठ देशों के जरूरी अनुमोदन को लेकर अपनी अपील दोहराते हैं. उन्होंने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण और परमाणु अप्रसार व्यवस्था में सीटीबीटी की एक महत्वपूर्ण भूमिका है.

संरा प्रमुख ने इस बात का जिक्र किया कि परमाणु परीक्षण का पर्यावरण, मानव स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास पर बहुत नुकसानदेह असर पड़ता है. उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि हम सभी को परमाणु परीक्षण के खिलाफ सख्त नियमों का स्वागत करना चाहिए.’’

इस सदी में सिर्फ उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण पर स्वैच्छिक रोक के नियम को तोड़ा है और इसे लेकर सुरक्षा परिषद ने उसकी निंदा की तथा उस पर बार - बार प्रतिबंध भी लगाए गए. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि इन परीक्षणों से यह पता चलता है कि कोई भी अस्थायी उपाय परमाणु परीक्षण पर एक वैश्विक बाध्यकारी प्रतिबंध की जगह नहीं ले सकता है.

गुतारेस ने कहा, ‘‘पिछले महीने मैं जापान गया था और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए जाने की घटना के पीड़ितों से मिला.’’ पीड़ितों की बातों ने हमें इस जरूरत की याद दिलाई कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल दोबारा कभी नहीं किया जाना चाहिए. 

इनपुट भाषा से भी 

 

Trending news