पाक तालिबान ने ली बेनजीर भुट्टो के हत्या की जिम्मेदारी, कहा- US के साथ हमारे खिलाफ की थी साजिश
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पाक तालिबान ने ली बेनजीर भुट्टो के हत्या की जिम्मेदारी, कहा- US के साथ हमारे खिलाफ की थी साजिश

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की प्रमुख 54 वर्षीय बेनजीर की में 27 दिसम्बर 2007 को रावलपिंडी एक चुनावी रैली के बाद एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी.

पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो. (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी तालिबान ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की 2007 में हत्या की जिम्मेदारी ली है. उसने कहा है कि उन्होंने बेनजीर की हत्या की क्योंकि दिवंगत नेता ने सत्ता में वापस आने पर अमेरिका के साथ कथित रूप से मुजाहिदीन के खिलाफ सहयोग की योजना बनायी थी. प्रतिबंधित आतंकी संगठन पाकिस्तानी तालिबान की एक पुस्तक में तालिबान के मारे गए संस्थापक बैतुल्लाह महसूद का उल्लेख करते हुए लिखा गया है, ‘‘बेनजीर भुट्टो की वापसी की योजना अमेरिकियों के इशारे पर बनायी गई थी क्योंकि उन्होंने उन्हें मुजाहिदे इस्लाम के खिलाफ एक योजना दी थी.’’

  1. पाकिस्तानी तालिबान ने 588 पृष्ठ वाली पुस्तक में किया खुलासा.
  2.  27 दिसम्बर 2007 को एक आत्मघाती हमले में हुई थी बेनजीर भुट्टो की हत्या.
  3. परवेज मुशर्रफ ने हमले के लिए तहरीके तालिबान पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था.

डेली टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान की उर्दू भाषा की पुस्तक ‘‘इंकलाब महसूद साउथ वजीरिस्तान..फ्राम ब्रिटिश राज टू अमेरिकन इम्परियलिज्म’’ में किये गए दावे से पहले बेनजीर की हत्या की जिम्मेदारी किसी भी समूह ने नहीं ली थी. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की प्रमुख 54 वर्षीय बेनजीर भुट्टो की में 27 दिसम्बर 2007 को रावलपिंडी एक चुनावी रैली के बाद एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी. पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने हमले के लिए तहरीके तालिबान पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन संगठन ने इससे इनकार किया था.

पुस्तक में कहा गया है कि आत्मघाती हमलावरों बिलाल जिसे सईद के नाम से जाना जाता है और इकरमुल्ला को बेनजीर पर हमला करने के लिए कहा गया था. पुस्तक में दावा किया गया है, ‘‘हमलावर बिलाल ने पहले बेनजीर भुट्टो पर अपनी पिस्तौल से गोली चलाई थी जो उनकी गर्दन पर लगी थी. उसके बाद उसने अपनी जैकेट में लगे विस्फोटक में विस्फोट करके स्वयं को जुलूस में उड़ा लिया था.’’

टीटीपी नेता अबु मंसूर आसिम मुफ्ती नूर वली ने पुस्तक लिखी और उसे 30 नवम्बर, 2017 को अफगानिस्तान के पकतिका प्रांत के बारमल स्थित ‘मसीद कम्प्युटर सेंटर’ में प्रकाशित किया. 588 पृष्ठ वाली पुस्तक को ऑनलाइन पोस्ट कर दिया गया जिसमें तालिबान के कई नेताओं की तस्वीरें भी हैं. 

(इनपुट एजेंसी से भी)

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