रोहिंग्या मामले में म्यांमार को अपराधों के लिए ICC भेजने की तैयारी, संयुक्त राष्ट्र से की गई अपील
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रोहिंग्या मामले में म्यांमार को अपराधों के लिए ICC भेजने की तैयारी, संयुक्त राष्ट्र से की गई अपील

संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली संस्था में अपने लोगों की दुर्दशा का मुद्दा उठाने वाली रजिया पहली महिला है.

बांग्लादेश के कॉक्स बाजार के नजदीक रोहिंग्याओं का शरणार्थी शिविर. (फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: रोहिंग्या अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की एक वकील ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से उनकी समुदाय की लड़कियों एवं महिलाओं को प्रताड़ित करने , उनके साथ सामूहिक बलात्कार करने और उनकी तस्करी करने जैसे ‘ जघन्य अपराधों ’ के लिए म्यामां को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय भेजने की अपील की है.

  1. म्यांमार के करीब 700,000 रोहिंग्या लोगों को देश छोड़कर बाहर जाना पड़ा था.
  2. म्यांमार की सेना ने पिछले साल अगस्त में रोहिंग्या में हिंसात्मक कार्रवाई की थी.
  3. रोहिंग्या परिवार की वापसी के म्यांमार के दावे को बांग्लादेश ने खारिज किया.

वर्ष 2014 से शरणार्थी शिविरों में रोहिंग्या लड़कियों और महिलाओं के साथ काम कर रही रजिया सुल्तान ने परिषद से कहा, ‘‘मैं जहां से आई हूं, वहां म्यामां सेना ने महिलाओं एवं लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार किया , उन्हें प्रताड़ित किया तथा उनकी हत्याएं की और यह केवल इसलिए कि वे रोहिंग्या समुदाय से थीं.’’

संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली संस्था में अपने लोगों की दुर्दशा का मुद्दा उठाने वाली रजिया पहली महिला है. रोहिंग्या लोगों पर किए जा रहे अत्याचारों को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने और संघर्ष के दौरान यौन हिंसा के मुद्दे पर बुलाई बैठक में उन्होंने यह बात कही.

रोहिंग्या परिवार की वापसी के म्यांमार के दावे को बांग्लादेश ने खारिज किया 
इससे पहले बांग्लादेश ने पांच रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी के म्यांमार के दावे को बीते 16 अप्रैल को खारिज कर दिया. सेना के भीषण अभियान के बाद म्यांमार के करीब 700,000 रोहिंग्या लोगों को देश छोड़कर बाहर जाना पड़ा था. म्यांमार सरकार ने 15 अप्रैल को एक बयान में कहा था कि रोहिंग्या परिवार के पांच सदस्य पश्चिमी रखाइन राज्य लौट आए और पहली बार रोहिंग्या लोगों की वापसी हुयी है. शनिवार को ये पांचों लोग नवनिर्मित स्वागत केंद्र में पहुंचे. बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्ज़मां खान कमाल ने 16 अप्रैल को बयान में कहा कि म्यांमार का दावा झूठा है कि परिवार वापस आ गया है.

वापसी प्रक्रिया देख रहे म्यांमार के समाज कल्याण मंत्री विन म्येट अये ने एक बयान कहा कि वे (रोहिंग्या) वापस आए और अधिकारियों ने उनकी पहचान की और कागजात वगैरह बनाए. बयान में कहा गया है कि प्राधिकारियों ने यह पता लगाया कि क्या वे म्यांमार में रहते थे और उनके पास राष्ट्रीय सत्यापन कार्ड था. इसका मतलब यह नागरिकता नहीं है. म्यांमार रोहिंग्या को नागरिकता देने से इनकार करता है और उन्होंने दशकों से जुल्म का सामना किया है.

आगे उन्होंने कहा कि परिवार अस्थायी रूप से मौंडगाउ शहर में अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं जो सरहद के पास प्रशासनिक केंद्र है. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या और भी रोहिंग्या वापस आने वाले हैं. बांग्लादेश ने म्यांमार को स्वदेश वापसी के लिए 8000 से ज्यादा शरणार्थियों की एक सूची सौंपी है, लेकिन जटिल सत्यापन प्रक्रिया की वजह से देरी हो रही है.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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