शीतयुद्ध के बाद रूस दुनियाभर को अपनी ताकत दिखाने को तैयार, नाटो ने जताया विरोध
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शीतयुद्ध के बाद रूस दुनियाभर को अपनी ताकत दिखाने को तैयार, नाटो ने जताया विरोध

रूस दुनियाभर में एक बार फिर से अपना लोहा मनवाने के मकसद से 'रूस वोस्‍तोक -2018' का युद्धाभ्‍यास शुरू कर रहा है. 

यूरोपीय संघ का कहना है कि यह युद्धाभ्‍यास नाटो को लक्ष्य बनाकर किया जा रहा है.(फोटो- Reuters)

नई दिल्ली: रूस दुनियाभर में एक बार फिर से अपना लोहा मनवाने के मकसद से 'रूस वोस्‍तोक -2018' का युद्धाभ्‍यास शुरू कर रहा है. 1980 के दशक के बाद से यह सबसे बड़ा युद्ध अभ्यास होगा, जिसमें करीब 300,000 सैनिक और 1,000 विमान हिस्सा लेंगे. इसलिए इस युद्धाभ्‍यास को शीतयुद्ध के बाद का सबसे बड़ा युद्धाभ्‍यास कहा जा रहा है. रूस के रक्षा मंत्री ने बताया है कि देश के पूर्वी क्षेत्र में 11 से 15 सितंबर तक वोस्तोक-2018 अभ्यास होगा, जिसमें चीन और मंगोलिया भी हिस्सा लेंगे.

इस युद्धाभ्‍यास को लेकर यूरापीय देशों सेमत नाटो ने भी कड़ी नाराजगी व्‍यक्‍त की है. यूरोपीय संघ का कहना है कि यह युद्धाभ्‍यास नाटो को लक्ष्य बनाकर किया जा रहा है. नाटो ने इस युद्धाभ्‍यास को पश्चिम लोकतंत्र के लिए भी खतरा माना है. रूसी समाचार एजेंसियों के अनुसार, रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने कहा, 'यह कुछ-कुछ जापाद-81 जैसा ही होगा, बल्कि यह उससे भी बड़ा होगा.'

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उन्होंने पूर्वी यूरोप में 1981 में हुए युद्धाभ्यास का उल्लेख करते हुए यह बात कही. उन्होंने बताया कि 1,000 से अधिक विमान, तकरीबन 300,000 सैनिक और मध्य एवं पूर्वी सैन्य जिलों के लगभग सभी क्षेत्र इस अभ्यास में शामिल होंगे. 

नाटो ने इस सैन्य अभ्यास पर जताई चिंता 
नाटो और यूरोपीय संघ ने रूस के सैन्य अभ्यास को युद्ध की तैयारी जैसा बताया है. यूरोपीय संघ ने कहा कि अभ्यास नाटो को लक्ष्य बनाकर किया जा रहा है. नाटो ने इस सैन्य अभ्यास पर चिंता व्यकत करते हुए कहा कि यह पश्चिम लोकतंत्र के लिए खतरा है. 

रूस सैनिक शक्ति को करना चाहता है मजबूत
रूस इस युद्धाभ्यास के जरिए अपनी सैन्य शक्ति को अधिक मजबूत करना चाहता है. वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि रूस अमेरिका को अपनी ताकत का अहसास दिलाने के लिए यह अभ्यास कर रहा है. यह अभ्यास ऐसे समय हो रहा है जब सीरिया में इदलिब को लेकर अमेरिका और रूस आमने सामने आ गए हैं. 

चीन के साथ मजबूत दोस्ती का संकेत
रूस इस अभ्यास में चीन को शामिल करके दुनियाभर को पनपनी दोस्ती के बारे में बताना भी चाहता है.   

US और रूस में तनाव से शीतयुद्ध की तरफ बढ़ रही है दुनिया : संयुक्त राष्ट्र
आपको बता दें कि इससे पहले संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा था कि वह अमेरिका और रूस के बीच तनाव के मद्देनजर दुनिया के शीतयुद्ध की याद दिलाने वाले दौर की ओर बढ़ने को लेकर वाकई बेहद चिंतित हैं. रूसी डबल एजेंट को जहर देने के मामले में अमेरिका और रूस के बीच बढ़ रहे लगातार तनाव को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने यह बयान दिया है.

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इस मुद्दे पर पिछले दिनों अमेरिका से रूस के 60 राजनयिकों को देश से निकाल दिया था और रूस का वाणिज्य दूतावास बंद कर दिया था. रूस ने भी इस कार्रवाई का कड़ा जवाब देते हुए अपने देश से अमेरिका को 60 राजनयिकों को निकाल दिया है.अमेरिका से निष्कासित किए गए 60 लोगों में से 12 संयुक्त राष्ट्र में रूसी मिशन के खुफिया अधिकारी शामिल थे. उन पर अमेरिका में आवास के विशेषाधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप है. 

नए दौर का शीतयुद्ध
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र में रूसी राजनयिकों को अमेरिका द्वारा निष्कासित किए जाने की घोषणा और नए दौर का शीतयुद्ध शुरू होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मैं वाकई बेहद चिंतित हूं. मेरा मानना है कि हम बहुत हद तक उसी तरह की स्थिति की ओर आ रहे हैं, जैसा शीत युद्ध के दौर में हमने जिया. हालांकि, दो बेहद महत्वपूर्ण अंतर हैं.’ गुतारेस ने कहा कि शीत युद्ध के दौर में दो महाशक्तियां थीं जिनका दुनिया के दो क्षेत्रों में हालात पर पूरा नियंत्रण था.

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