ब्रिटेन में रहने वाले अर्थशास्त्री इमरान रसूल ने अमेरिका में रहने वाले शिक्षाविद आतिफ आर मियां को पाकिस्तान की नई सरकार के आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी) से हटाने के विरोध में उसकी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
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इस्लामाबाद: ब्रिटेन में रहने वाले अर्थशास्त्री इमरान रसूल ने अमेरिका में रहने वाले शिक्षाविद आतिफ आर मियां को पाकिस्तान की नई सरकार के आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी) से हटाने के विरोध में उसकी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. वह सरकार के इस कदम के विरोध में ईएसी छोड़ने वाले दूसरे सदस्य हैं. पाकिस्तान सरकार ने मियां के अहमदिया संप्रदाय के होने के कारण कट्टरपंथियों के दबाव में आकर उन्हें ईएसी की सदस्यता छोड़ने के लिए कहा था. कटटरपंथियों के दबाव में आकर शुक्रवार को इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रख्यात अर्थशास्त्री मियां का नवगठित आर्थिक परिषद से नामांकन ले लिया था.
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में अर्थशास्त्री के प्रोफेसर रसूल ने कहा, ‘‘मैंने भारी मन से आज सुबह ईएसी से इस्तीफा दे दिया।’’ उन्होंने कहा कि जिन परिस्थितियों में मियां से परिषद से इस्तीफा देने को कहा गया, वह उससे पूरी तरह असहमत हैं. प्रोफेसर रसूल ने कहा, ‘‘धार्मिक मान्यता के आधार पर फैसले लेना मेरे सिद्धांतों या उन मूल्यों के खिलाफ हैं जो मैं अपने बच्चों को सिखाने की कोशिश करता हूं।’’
रसूल से पहले हार्वर्ड केनेडी स्कूल में अंतरराष्ट्रीय वित्त एवं विकास विषयके प्रोफेसर असिम एजाज ख्वाजा ने भी फैसले के विरोध में ईएसी की सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की थी. पाकिस्तान के संविधान में अहमदियों को गैर मुस्लिम घोषित किया गया है और उनकी मान्यताओं को कई प्रमुख इस्लामिक स्कूलों में ईशनिंदा माना जाता है.
अक्सर कट्टरपंथी उनको निशाना बनाते रहे हैं और उनके धार्मिक स्थलों पर भी तोड़-फोड़ की जाती रही है. मियां को हाल ही में 18 सदस्यीय ईएसी के सदस्य के तौर पर नामित किया गया था. ‘शीर्ष 25 सबसे प्रतिभाशाली युवा अर्थशास्त्री' की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष सूची में शामिल यह अकेले पाकिस्तानी हैं. मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलोजी से शिक्षित आतिफ मियां प्रतिष्ठित प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं और पाकिस्तानी अमेरिकी हैं.
इनपुट भाषा से भी