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बीजिंग : चीन ने कहा है कि वह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस सप्ताह होने वाले बीजिंग दौरे को ‘बहुत महत्व’ देता है। सुषमा अपने इस दौरे पर चीन के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगी और रूस, भारत एवं चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्री स्तर की बैठक में हिस्सा लेंगी।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने संवाददाताओं से कहा, ‘पदभार संभालने के बाद उनका यह पहला दौरा है। दोनों पक्ष उनके इस दौरे को बहुत महत्व देते हैं।’ गणतंत्र दिवस समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने और भारत-अमेरिका साझा बयान में एशिया-प्रशांत का जिक्र होने के बाद सुषमा चीन का दौरा करने वाली पहली वरिष्ठतम भारतीय नेता हैं।
सुषमा का चीन दौरा आगामी शनिवार से आरंभ हो रहा है। वह चीन के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगी और 13वीं आरआईसी विदेश मंत्री स्तरीय बैठक में शामिल होंगी। यह बैठक दो फरवरी को होगी और इसमें चीन और रूस के उनके समकक्ष वांग यी एवं सर्गई लावारोव भी भाग लेंगे। वह वांग के साथ बातचीत करेंगी तथा चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से भी उनकी मुलाकात की संभावना है।
सुषमा चीन से अधिक पर्यटकों को भारत की ओर आकर्षित करने के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रम ‘विजिट इंडिया ईयर’ का उद्घाटन करेंगी तथा इंडिया-चाइना मीडिया फोरम को भी संबोधित करेंगी। चीन सुषमा के दौरे को किस तरह से देखता है, इस बारे में हुआ ने कहा कि दो सबसे बड़े विकासशील देशों एवं बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच द्विपक्षीय संबंध ठोस और स्थिर तरीके से आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमारा सहयोग कुछ आगे बढ़ा है। हम कई क्षेत्रों में परस्पर राजनीतिक विश्वास और व्यवहारिक सहयोग को बढ़ा रहे हैं। हमारे बीच ठोस समन्वय है और क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सहयोग है।’ चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि पिछले साल राष्ट्रपति शी ने भारत का सफल आधिकारिक दौरा किया था और उस दौरान रणनीतिक सहयोग के लिए नया अध्याय लिखा गया था तथा साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को नई गति मिली थी।
उन्होंने कहा, ‘चीन संगठित विकासात्मक साझीदारी के निर्माण के लिए ठोस गति बनाए रखने और शांतिपूर्ण एवं साझा विकास को हकीकत का रूप देने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा।’ हुआ ने कहा कि तीनों देश रूस, चीन और भारत उभरते हुए बाजार हैं तथा आरआईसी विदेश मंत्री स्तर की बैठक के दौरान वे व्यवहारिक सहयोग और साझा हितों के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।