कोरोना: उस डॉक्‍टर की जुबानी ओमिक्रॉन की कहानी, जिसने सबसे पहले इसके मरीज को खोजा
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कोरोना: उस डॉक्‍टर की जुबानी ओमिक्रॉन की कहानी, जिसने सबसे पहले इसके मरीज को खोजा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा पिछले सप्ताह ही ओमिक्रॉन (Omicron Variant) को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया गया. कहा जा रहा है कि डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन संभावित रूप से ज्यादा संक्रामक है.

 

फाइल फोटो साभार: Reuters

नई दिल्ली: कोरोना के नए वैरिएंट 'ओमिक्रॉन' (Omicron Variant) से दुनिया दहशत में है. यह डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है. हालांकि दक्षिण अफ्रीका से शुरू होकर कई देशों में फैले ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में अभी स्टडी जारी है, विशेषज्ञों का किसी निष्कर्ष पर पहुंचना बाकी है. इस बीच दक्षिण अफ्रीका की वो डॉक्टर, जिन्होंने सबसे पहले नए कोविड वैरिएंट को लेकर सचेत किया था उन्होंने इसके लक्षणों के बारे में अहम जानकारी दी है, जो इस वैरिएंट से निपटने के लिए बनाई जा रही रणनीति में काम आ सकती है. 

  1. कोरोना के नए वैरिएंट के लक्षण भी अलग
  2. स्मेल और टेस्ट पर नहीं पड़ रहा कोई फर्क
  3. म्यूटेंट कोविड स्ट्रेन के हैं असामान्य 'लक्षण'
  4.  

टेस्ट और स्मेल पर कोई असर नहीं

डॉ एंजेलिक कोएत्जी के मुताबिक कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के 'असामान्य' लक्षण दिख रहे हैं. दक्षिण अफ्रीकी प्रशासनिक राजधानी प्रिटोरिया में एक प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाली डॉ एंजेलिक कोएत्जी ने कहा कि उन्होंने इस महीने की शुरुआत में पहली बार देखा कि कोविड के मरीजों में कई अजीब लक्षण दिख रहे हैं. दक्षिण अफ्रीकी मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉक्टर एंजेलिक कोएत्जी के मुताबिक नए वैरिएंट से संक्रमित मरीजों को टेस्ट और स्मेल लॉस नहीं हो रहा है जबकि डेल्टा की चपेट में आने के बाद स्वाद चला जाना और स्मेल न आना को कोरोना के लक्षणों में जोड़ा गया था. 

ये हैं नए लक्षण

द टेलीग्राफ को डॉ कोएत्जी ने बताया कि नए कोरोना वैरिएंट के लक्षण अलग दिख रहे हैं. उनके मुताबिक इस वैरिएंट के लक्षण माइल्ड हैं और नए हैं. इससे संक्रमित होने वाले मरीजों को थकान बहुत महसूस हो रही है. साथ ही पल्स रेट बहुत हाई हो जा रही है. उन्होंने ओमिक्रॉन के नए लक्षणों के बारे में दक्षिण अफ्रीका के वैक्सीन सलाहकार बोर्ड को जानकारी दे दी है. 

सबसे बड़ी चिंता इस बात की

इस महीने की शुरुआत में पहली बार दक्षिण अफ्रीका में खोजा गया ओमिक्रॉन ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, बेल्जियम, बोत्सवाना, इजराइल, हांगकांग और ऑस्ट्रेलिया में भी एंट्री कर चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा पिछले सप्ताह ओमिक्रॉन 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया गया. सबसे बड़ी चिंता इस बात की जताई जा रही है कि ये वैरिएंट वैक्सीन को निष्प्रभावी कर सकता है और महामारी को लम्बा खींच सकता है.

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डेल्टा से ज्यादा खरतरनाक?

पिछले वैरिएंट डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन संभावित रूप से ज्यादा संक्रामक है, हालांकि विशेषज्ञों को अभी तक यह नहीं पता है कि क्या यह अन्य वैरिएंट की तुलना में कम या ज्यादा खतरनाक हो सकता है यानी कि मरीज मरीजों की हालत अस्पताल में भर्ती करने लायक कर सकता है या नहीं. हालांकि डॉ कोएत्जी के मुताबिक उन्होंने जो नए लक्षण देखे हैं, वे 'माइल्ड' हैं और वह जिन रोगियों का इलाज कर रही थीं वे सभी ठीक हो गए.

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बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरा

डॉक्टर ने यह भी कहा कि यह वैरिएंट बुजुर्गों के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकता है. फिलहाल इससे संक्रमित होने वालों में युवाओं की संख्या अधिक है. वैज्ञानिक ओमिक्रॉन को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि इसमें लगभग 30 अलग-अलग म्यूटेशन हैं जो कि डेल्टा से दोगुने हैं.

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