कोर्ट आदेश के बाद और दस्तावेज प्रकाशित नहीं करेगा द ऑस्ट्रेलियन
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कोर्ट आदेश के बाद और दस्तावेज प्रकाशित नहीं करेगा द ऑस्ट्रेलियन

ऑस्ट्रेलिया के एक शीर्ष दैनिक समाचार पत्र ने आज कहा कि एक अदालत द्वारा भारतीय स्कॉर्पीन पनडुब्बी से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों के और प्रकाशन पर अस्थायी रोक लगाये जाने के बाद अब वह इसके दस्तावेजों का प्रकाशन नहीं करेगा।

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के एक शीर्ष दैनिक समाचार पत्र ने आज कहा कि एक अदालत द्वारा भारतीय स्कॉर्पीन पनडुब्बी से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों के और प्रकाशन पर अस्थायी रोक लगाये जाने के बाद अब वह इसके दस्तावेजों का प्रकाशन नहीं करेगा।

मीडिया की खबरों के अनुसार, द न्यू साउथ वेल्स सुप्रीम कोर्ट ने कल आदेश जारी किया और समाचारपत्र ‘द ऑस्ट्रेलियन’ को अपनी वेबसाइट से दस्तावेज हटाने का आदेश दिया। समाचार पत्र ने वेबसाइट से सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील सामग्री पहले ही संपादित कर दी है। अदालत ने साथ ही समाचार पत्र को यह आदेश भी दिया कि वह तमाम सामग्री शाम पांच बजे तक फ्रांसीसी रक्षा कंपनी डीसीएनएस को सौंप दे जो उसके पास है।

अदालत का यह आदेश डीसीएनएस की ओर से एक हलफनामा दायर करने के बाद आया जिसने ‘द ऑस्ट्रेलियन’ की ओर से दस्तावेजों के प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग की थी। समाचार पत्र को लीक सामग्री का इस्तेमाल करने से रोकने वाले अदालत के आदेश की अवधि गुरुवार शाम पांच बजे समाप्त हो रही है। मामला सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवायी के लिए फिर से सूचीबद्ध होगा।

मीडिया की खबर के अनुसार डीसीएनएस ने अपने हलफनामे में कहा कि सामग्री के खुलासे से उसे नुकसान हुआ है क्योंकि कंपनी की सामग्री तक अब उसके प्रतिद्वंद्वियों को पहुंच हासिल हो गई है। हलफनामे में कहा गया कि लीक की मीडिया कवरेज से कंपनी की अंतरराष्ट्रीय छवि एवं प्रतिष्ठा को खतरे में डाल दिया है।

अदालत के आदेश के बाद ‘द ऑस्ट्रेलियन’ के एसोसिएट एडिटर कैमरन स्टीवर्ट ने कहा, ‘बहुत अधिक मात्रा में दस्तावेज हैं लेकिन हम निश्चित तौर पर और दस्तावेज प्रकाशित नहीं कर रहे हैं।’ यह पूछे जाने पर कि अदालत के आदेश की अवधि समाप्त होने पर क्या उनका इरादा और दस्तावेज सामने लाने का है, उन्होंने एक भारतीय टेलीविजन चैनल से कहा, ‘नहीं, हमारा कोई इरादा नहीं है। मैं अदालत की प्रक्रिया में शामिल नहीं हूं। मैं बहुत अधिक टिप्पणी नहीं कर सकता। अब और दस्तावेज प्रकाशित करने की योजना नहीं है।’

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