तुर्की ने US को बताकर सीरिया में शुरू किया सैन्य अभियान, नाम दिया- 'ओलिव ब्रांच'
Advertisement

तुर्की ने US को बताकर सीरिया में शुरू किया सैन्य अभियान, नाम दिया- 'ओलिव ब्रांच'

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने अंकारा में ईरान, रूस और अमेरिका के राजदूतों को सीरिया के आफरीन में तुर्की की सेना द्वारा शुरू किए गए सैन्य अभियान के बारे में सूचित किया.

विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने अपने अमेरिकी समकक्ष रेक्स टिलरसन से भी टेलीफोन पर वार्ता की.(फाइल फोटो)

अंकारा: तुर्की के विदेश मंत्रालय ने अंकारा में ईरान, रूस और अमेरिका के राजदूतों को सीरिया के आफरीन में तुर्की की सेना द्वारा शुरू किए गए सैन्य अभियान के बारे में सूचित किया. एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने अमेरिकी अनुरोध पर शनिवार को तुर्की वायुसेना द्वारा हवाई हमले किए जाने की घोषणा के मद्देनजर अपने अमेरिकी समकक्ष रेक्स टिलरसन से भी टेलीफोन पर वार्ता की.

  1. तुर्की के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को दी सैन्य अभियान की सूचना 
  2. तुर्की सेना ने बताया कि इस सैन्य अभियान को 'ओलिव ब्रांच' नाम दिया गया है. 
  3. सीरिया के आफरीन में सैन्य अभियान के सक्रिय रूप से शुरू होने की घोषणा की. 

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने शनिवार को सीरिया के आफरीन में सैन्य अभियान के सक्रिय रूप से शुरू होने की घोषणा की. तुर्की सेना ने बताया कि इस सैन्य अभियान को 'ओलिव ब्रांच' नाम दिया गया है. सीरिया में सरकार के विरोध में आए दिन हमले होते रहते है. सत्ता के खिलाफ शुरू हुए इस विरोध में लाखों लोगों की अबतक जान जा चुकी है. 

यह भी पढ़ें- सीरिया में सत्ता के खिलाफ विद्रोह में अब तक, 333,000 लोगों की मौत

जिहादियों के अड्डे पर विस्फोट
उत्तर पश्चिमी सीरिया के इदलिब शहर में एशियाई जेहादियों के अड्डे पर सोमवार को विस्फोट होने से सात नागरिकों समेत 23 लोगों की मौत हो गई. सीरिया में चरमपंथी समूह की ओर से लड़ने वालों में मध्य एशिया और चीन के शिनजांग प्रांत के जातीय अल्पसंख्यक समेत हजारों एशियाई शामिल हैं. लंदन स्थित संस्था सीरियाई अब्ज़र्वेटोरी फॉर ह्यूमन राइट्स के प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने बताया कि इदलिब में अजनद अल-कोकाज़ गुट के अड्डे पर बड़ा विस्फोट हुआ.

यह भी पढ़ें- सीरिया: जिहादियों के अड्डे पर विस्फोट, 7 नागरिक समेत 23 की मौत

सीरिया में अब तक 333,000 लोगों की मौत
गौरतलब है कि मार्च 2011 में सरकार के खिलाफ शुरू हुए विद्रोह में अब तक 330,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. इस लड़ाई में मौत किसी की भी हो नुकसान तो मानवता का ही हो रहा है. जहां एक तरफ लोगों की दिनोंदिन मौत हो रही है, वही दूसरी तरफ पूरा देश इस मौत के खेल को देखते हुए चुप है. हालात कब सुधरेंगे ये तो वक्त बताएगा. पर अभी के हालात बहुत चिंताजनक है.

सुन्नी-बाहुल्य सीरिया के शिया राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ सन 2011 में जो विद्रोह प्रारंभ हुआ था आज वह एक भयानक रूप ले चूका है. मामला बहुत ही पेंचीदा है और इसमें किसी एक पक्ष को सही या गलत ठहराया नहीं जा सकता. 

सत्ता और विद्रोही सेनाओं में विरोध 
एक तरफ सीरिया के राष्ट्रपति असद और उनकी सेना है जिसको ईरान और रूस का समर्थन प्राप्त है जो सीरिया की मौजूदा सरकार को गिरने से रोकने में लगा हुआ है. वहीं, दूसरी तरफ विद्रोही सेनाएं हैं जिसमें कई प्रकार के असद विरोधी गुट हैं, जैसे कि फ्री-सीरियन आर्मी, अल-नुसरा आदि कई जिहादी और आईएसआईएस के मुजाहिदीन भी शामिल हैं, इन्हें अमेरिका, पश्चिमी-यूरोपीय देश, सऊदी अरब और तुर्की का समर्थन प्राप्त है.

यह भी पढ़ें- बातचीत से ही निकलेगा सीरिया संकट का हल

दोनों ही पक्षों के हाथ खून से सने हुए हैं और कोई भी किसी को सुनने को तैयार नहीं है. क्षेत्र की दूसरी शिया-शक्ति के रूप में ईरान असद शासन को किसी भी तरह से बचा के रखना चाहता है, वहीं दूसरी ओर सुन्नी-शाषित राष्ट्र जैसे के सऊदी अरब, क़तर आदि शिया-शासन को ख़त्म कर के वहां पर सुन्नी-शासन स्थापित करना चाहते हैं जिससे ईरान के प्रभाव और वर्चस्व को पश्चिम-एशियाई क्षेत्र से कम किया जा सके.

रूस शुरू से ही सीरिया का साथी और समर्थक रहा है जो सैन्य और कूटनीतिक, दोनों स्तर से असद शासन को बचने में लगा हुआ है. चीन भले ही सैन्य रूप से सक्रिय न हो फिर भी वह गाहे-बगाहे असद के साथ अंतर्राष्ट्रीय मंचों में खड़ा रहा है.

इनपुट आईएएनएस से भी 

Trending news